टीपू विरोधी अभियान से राम मंदिर परियोजना तक, कर्नाटक भाजपा ध्रुवीकरण पर निर्भर
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा राज्य में टीपू (मैसूर शासक टीपू सुल्तान) बनाम हिंदू भगवान राम और संघ परिवार के प्रतिष्ठित व्यक्ति वीर सावरकर की कहानी गढ़ रही है.
बेंगलुरू, 19 फरवरी : कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) की उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा राज्य में टीपू (मैसूर शासक टीपू सुल्तान) बनाम हिंदू भगवान राम और संघ परिवार के प्रतिष्ठित व्यक्ति वीर सावरकर की कहानी गढ़ रही है. सत्तारूढ़ भाजपा राज्य में हिंदूओं के ध्रुवीकरण के लिए टीपू सुल्तान और उनके समर्थकों पर मौखिक हमले, टीपू जयंती पर प्रतिबंध लगाना, 'सलाम आरती' के अनुष्ठान का नाम बदलकर 'आरती नमस्कार' करना, पाठ्यक्रम से टीपू सुल्तान की महिमागान करने वाली सामग्री को हटाना, 'टिप्पुविना निजाकनासुगलु' नाटक का मंचन करने, जिसमें टीपू को एक धार्मिक कट्टरपंथी के रूप में दिखाया गया है आदि कार्य कर रहे हैं. भाजपा ने रामनगर जिले के रामदेवरा बेट्टा में भव्य राम मंदिर बनाने की घोषणा की है. पार्टी की योजना दक्षिण में अयोध्या के मंदिर को विकसित करने की है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बजट पेश करने के दौरान इन योजनाओं की घोषणा की.
उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने कहा कि एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द ही तैयार की जाएगी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित किया जाएगा. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा है कि राज्य में टीपू सुल्तान के अनुयायियों के लिए कोई जगह नहीं है और यह जगह केवल भगवान राम और हनुमान के भक्तों के लिए है. यह भी पढ़ें : संभाजी छत्रपति का दावा, शिवाजी महाराज के समर्थकों को पुणे किले में जाने से रोका गया
दूसरी ओर, भगवा पार्टी ने वीर सावरकर के नाम पर बेंगलुरु में एक प्रमुख हवाई अड्डे के फ्लाईओवर का नाम रखा है. वीर सावरकर के बारे में पाठ को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है, वीर सावरकर के चित्र को बेलगावी सुवर्ण सौधा में स्थान मिलता है. स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के जश्न के दौरान वीर सावरकर के फ्लेक्स और कटआउट लगाने के भाजपा के प्रयास के परिणामस्वरूप विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए. शिवमोग्गा जिले से चाकूबाजी की घटनाएं सामने आई हैं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी. वर्तमान में एनआईए मामले की जांच कर रही है और जांच से पता चला है कि छुरा मारने वाला आरोपी एक वैश्विक आतंकी नेटवर्क के हिस्से के रूप में काम कर रहा था.
ऊर्जा, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी. सुनील कुमार ने कहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा राज्य के स्कूलों में वीर सावरकर के चित्र लगाने पर विचार कर रही है. हिंदू कार्यकर्ताओं और आरएसएस कार्यकर्ताओं ने गणेश उत्सव के दौरान भगवान गणेश के साथ वीर सावरकर के चित्र की स्थापना की. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग को मुस्तैद रहना पड़ा. विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने मुस्लिम बहुल इलाके में वीर सावरकर के फ्लेक्स लगाने की निंदा की थी. उन्होंने यह भी सवाल किया था कि टीपू सुल्तान के फ्लेक्स क्यों नहीं लगाए जाते? बयान से विवाद छिड़ गया और सिद्धारमैया को कोडागु जिले में विरोध का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने उनके वाहन पर अंडे फेंके और पुलिस ने इस सिलसिले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया.
सिद्धारमैया ने भाजपा नेताओं को चेतावनी दी कि अगर उनके कार्यकर्ता उन्हें परेशान करते रहे, तो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें राज्य के किसी भी हिस्से में नहीं जाने देंगे. वीर सावरकर के योगदान और बलिदान के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा ने मैसूर में सावरकर रथ यात्रा शुरू की. भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा कि यह कहना गलत है कि वीर सावरकर स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे. उन्होंने कहा कि हम वीर सावरकर की देशभक्ति का प्रचार करेंगे.
सिद्धारमैया ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि देश को आजादी महात्मा गांधी और पं. नेहरू के प्रयासों से मिली, न कि आरएसएस के कारण. उन्होंने सवाला किया, क्या सावरकर ने हमारे लिए आजादी लड़ी? क्या आरएसएस या बीजेपी से किसी ने भारत की आजादी के लिए बलिदान दिया? उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को इतिहास नहीं पता है. उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने विपक्षी नेता सिद्धारमैया को खत्म करने के लिए एक सार्वजनिक आह्वान किया, जिस तरह टीपू सुल्तान को उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा ने समाप्त कर दिया था. बाद में उन्होंने विधानसभा में अपने बयान पर खेद जताया. देखना यह होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में लोग किसका समर्थन करते हैं.