नई दिल्ली: नापाक पाकिस्तान (Pakistan) करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के बहाने भी चाल चलने की कोशिश कर रहा है. हालांकि उसके इन मंसूबों को पहले ही झटका लग गया है. दरअसल पाकिस्तान की इमरान सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को न्योता भेजने का ऐलान किया था. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाया गया. हालांकि मनमोहन सिंह भी पाककिस्तान सरकार के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर को खोला जाएगा. कांग्रेस के सूत्रों द्वारा रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को स्वीकार नहीं करेंगे.
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक टीवी चैनल को बताया, ‘‘करतारपुर गलियारे का उद्घाटन एक बड़ा कार्यक्रम है पाकिस्तान इसकी जोर-शोर से तैयारी कर रहा है. हमने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसमें बुलाने का निर्णय किया है. हम जल्दी ही इस बारे में उन्हें एक औपचारिक पत्र भेजेंगे.’’
Congress Sources: Former Prime Minister Manmohan Singh will not accept Pakistan's invitation to the opening of #KartarpurCorridor (File pic) pic.twitter.com/ZYRodq5GPK
— ANI (@ANI) September 30, 2019
उन्होंने कहा कि सिंह सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा कि धार्मिक रूप से भी इस न्योते का अर्थ है क्योंकि मनमोहन सिंह का संबंध सिख समुदाय से है. उन्होंने सिख समुदाय को भी निमंत्रित किया कि वह इस पवित्र अवसर पर होने वाले आयोजन में शामिल हो.
Pakistan invites former Prime Minister Manmohan Singh for the inauguration of Kartarpur Sahib Corridor in Pakistan. https://t.co/Er3cHwIlUc
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 30, 2019
यह भी पढ़े- पाकिस्तान ने चली नई चाल, करतारपुर कॉरिडोर उद्घाटन के लिए मनमोहन सिंह को बुलाया, PM मोदी पर सस्पेंस
उल्लेखनीय है कि बाबा गुरु नानक के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर नौ नवंबर को इस गलियारे को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. यह भारतीय क्षेत्र से करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को जोड़ेगा जो पाकिस्तान के नरवाल जिले में भारतीय पंजाब के गुरदासपुर स्थित सीमा से कुछ ही दूर स्थित है. इसके जरिए भारतीय श्रद्धालु वीजा मुक्त आवाजाही कर सकेंगे. श्रद्धालुओं को केवल परमिट लेना जरुरी होगा. इसी गुरुद्वारे में बाबा गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम क्षण बिताए थे. इस वजह से इसे बेहद पवित्र माना जाता है.