UP में बना शीशे का पहला पुल, हवा में तैरने का होगा अहसास! रोमांच और खूबसूरती का अनोखा संगम
कल्पना कीजिए, आप हवा में तैर रहे हैं, आपके नीचे घने जंगल और ऊपर नीला आसमान, और आपके पैरों तले शीशे का एक पुल. है अब यह कल्पना हकीकत बनने जा रही है UP के पहले कांच के स्काईवॉक ब्रिज के साथ!
कल्पना कीजिए, आप हवा में तैर रहे हैं, आपके नीचे घने जंगल और ऊपर नीला आसमान, और आपके पैरों तले शीशे का एक पुल. सुनने में ही रोमांचकारी है ना? अब यह कल्पना हकीकत बनने जा रही है उत्तर प्रदेश के पहले कांच के स्काईवॉक ब्रिज के साथ!
तुलसी (शबरी) झरने पर बनकर तैयार हुआ यह पुल, लोकसभा चुनावों के बाद पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. कोदंड वन में स्थित इस झरने पर 3.70 करोड़ रुपये की लागत से भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का यह पुल बनाया गया है. आने वाले समय में, यह सबसे खूबसूरत इको टूरिज्म केंद्र बनने वाला है. यहाँ पार्क और हर्बल गार्डन के साथ-साथ रेस्टोरेंट भी बनाए जा रहे हैं.
शबरी झरने का नया अवतार
मार्कुंडी पर्वतमाला में स्थित यह झरना पहले शबरी झरने के नाम से जाना जाता था. अब इस पर बना कांच का स्काईवॉक ब्रिज इसे एक नया और रोमांचक रूप देगा. यह पुल वन और पर्यटन विभाग द्वारा बनवाया गया है और इसे गाजीपुर की पवन सूत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया है.
धनुष-बाण के आकार का पुल
इस अनोखे पुल की बनावट भी बेहद खास है. यह भगवान राम के धनुष-बाण के आकार का है. खाई की तरफ बाण की लंबाई 25 मीटर है, जबकि दो खंभों के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है. पुल की भार क्षमता 500 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर होगी.
झरने और जंगल का मनमोहक दृश्य
तुलसी झरने में पानी की तीन धाराएँ चट्टानों से गिरती हैं और लगभग 40 फीट की ऊँचाई से एक विस्तृत जलकुंड में गिरकर जंगल में विलीन हो जाती हैं. स्काईवॉक ब्रिज पर चलते हुए लोग चट्टानों पर गिरते पानी और नीचे फैले जंगल के मनमोहक दृश्य का आनंद ले सकेंगे.
रोमांच और खूबसूरती का संगम
यह कांच का पुल न सिर्फ रोमांच का अनुभव देगा बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य का भी भरपूर आनंद देगा. यह पर्यटकों के लिए एक अनोखा आकर्षण होगा और उत्तर प्रदेश के पर्यटन को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा.
तो तैयार हो जाइए, इस रोमांचकारी सफर के लिए!