Education Budget 2021-22: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज देश का आम बजट 2021 (Union Budget 2021) पेश कर दिया है. बजट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सुनहरे भविष्य के लिए अहम घोषणाएं की गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि हाल ही में घोषित की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का अच्छा स्वागत हुआ है. यह कहते हुए कि 15000 से अधिक स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों को शामिल करके गुणवत्ता रूप से मजबूत बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी घोषणा की कि एनजीओ/निजी स्कूलों/राज्यों की भागीदारी में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे. सीतारमण ने बजट में स्वास्थ्य पर खर्च दोगुना से अधिक किया, संसाधन जुटाने को नया कृषि उपकर लगाया
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक छत्रक निकाय के रूप में एक भारतीय उच्च शिक्षा आयोग स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया है. इसमें मानक, स्थापना, मान्यता, विनियमन और वित्त पोषण के लिए चार अलग घटक शामिल हैं. सभी सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा कई शहरों में छत्रक संरचनाओँ की स्थापना की जाएगी, जिससे बेहतर समन्वय हो सके. इस उद्देश्य के लिए एक ग्लू ग्रांट अलग से रखा जाएगा. इसके आलावा, लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिए सरकार ने लेह में केंद्रीय विश्व विद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया है.
निर्मला सीतारमण ने कहा “हमारे कई शहरों में विभिन्न अनुसंधान संस्थान, विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो सरकार के समर्थन से चलते हैं. उदाहरण के लिये हैदराबाद, जहां तकरीबन 40 मुख्य संस्थान हैं. इसी तरह 9 अन्य शहरों में हम इसी तरह का एक समग्र ढांचा खड़ा करेंगे जिससे इन संस्थानों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें साथ ही इनकी स्वायत्ता बरकरार रह सके। इस उद्देश्य के लिये एक विशिष्ट अनुदान (ग्लू ग्रांट) की शुरुआत की जाएगी.”
वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. ऐसे प्रत्येक स्कूल की लागत 20 करोड़ से बढ़ाकर 38 करोड़ तथा पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों में 48 करोड़ रुपए करने का भी प्रस्ताव किया गया है. इसी प्रकार अनुसूचित जानजातियों के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत केंद्रीय सहायता बढ़ाई गई थी और 2025-26 तक छह वर्षों के लिए कुल 35,219 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. इससे अनुसूचित जाति के 4 करोड़ छात्रों को लाभ मिलेगा.