देश के किसान लंबे समय से कर्ज के बोझ और फसलों का सही मूल्य न मिल पाने के कारण परेशान हैं. किसानों की समस्या लंबे समय से राजनैतिक पैंतरा बन रही है. इसी कड़ी में 3 राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस किसानों की कर्ज माफी कर रही है. कांग्रेस (Congress) की जीत के पीछे बड़ा कारण किसान मुद्दा ही है. क्यों कि तीनों राज्यों में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को लेकर बड़े-बड़े वाडे किए थे. कांग्रेस भले ही किसानों को कुछ राहत जरुर दे रही है लेकिन हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन (M. S. Swaminathan) कर्ज माफी को अर्थव्यवस्था के लिए उपयुक्त नहीं मानते. उन्होंने राजनेताओं से अपील की है कि चुनावी फायदे के लिए वे इस तरह के कदम ना उठाएं.
न्यूज 18 से बातचीत में एमएस स्वामीनाथन ने कहा, 'खेती की समस्या आर्थिक है. मानसून और बाजार छोटे किसानों के लिए दो बड़े जरूरी तत्व हैं. चुनावी फायदे के लिए राजनेताओं को आर्थिक रूप से अव्यावहारिक नीतियों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.' मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस ने सरकार बनाते ही किसानों के कर्ज माफ करने का ऐलान किया. इस ऐलान के तहत दो लाख रुपये तक का लोन माफ होगा.
स्वामीनाथन ने कहा कि कर्ज माफी कृषि नीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा, 'कर्ज तभी माफ होना चाहिए जब किसान को पैसा लौटाने में काफी दिक्कत हो रही हो और यह कदम भी कभी-कभार ही लेना चाहिए. यह कभी भी कृषि नीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए क्योंकि जरूरत खेती को लाभ देने वाली और आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने की है.'
स्वामीनाथन ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों की आर्थिक दशा सुधारने और युवाओं को इसकी तरफ आकर्षित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'खेती को आर्थिक रूप से व्यावहारिक और लाभप्रद बनाने की जरूरत है. हमारे पास मौका है कि हम ऐसी नीति बनाए जिससे कि किसानों की माली हालत सुधरे और इसके साथ ही खेती युवाओं को आकर्षित करे.'
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बारे में उन्होंने कहा, 'एमएसपी तभी कामयाब होगी जब खरीद प्रक्रिया होगी. कीमतों, खरीद और सार्वजनिक वितरण के लिए एक नीति है. यदि पर्याप्त खरीद नहीं होगी तो हो सकता है कि एमएसपी का फायदा न मिले. इसलिए हमें कीमतों और खरीद के लिए एक संपूर्ण नीति चाहिए.'