कोलकाता, 31 अगस्त: कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के नबाग्राम पुलिस स्टेशन में पुलिस लॉकअप में हिरासत में मौत के मामले को स्वीकार कर लिया और इसकी फास्ट-ट्रैक सुनवाई को भी मंजूरी दे दी. यह भी पढ़े: Calcutta HC Imposes Penalty on Bengal Education Department: कलकत्ता हाईकोर्ट ने अदालत के आदेश की अनदेखी पर बंगाल शिक्षा विभाग पर लगाया जुर्माना
इस महीने की शुरुआत में चोरी के एक मामले में आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किए गए गोबिंदा घोष का शव नबाग्राम पुलिस स्टेशन के लॉकअप में लटका हुआ मिला था उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि शव मिलने से दो दिन पहले चोरी के एक मामले में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने उसे उठाया था.
पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया कि थोड़ी पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा उन्होंने कहा, गिरफ्तारी के दो दिन बाद उन्हें पुलिस हिरासत में उसकी मौत की खबर मिली एक विभागीय जांच शुरू हुई, इसके बाद पुलिस अधिकारियों, नबाग्राम पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार भकत और मामले के जांच अधिकारी श्यामल मंडल को निलंबित कर दिया गया.
इस मौत से राज्य में राजनीतिक हंगामा भी मच गया राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के पांच बार के लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि यह घटना राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है क्योंकि मृतक कांग्रेस से जुड़ा था और उसने हाल ही में संपन्न पंचायत चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.