Farmers Protests: सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी, किसान नेता राकेश टिकैत बोले- बुराड़ी नहीं जाएंगे
किसान आंदोलन ( फोटो क्रेडिट- ANI)

नई दिल्ली:- कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन 26 नवंबर को शुरू हुआ आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसानों के धरने का आज चौथा दिन है. किसान किसान दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर डटे हैं. वैसे तो किसानों को दिल्ली पुलिस ने आंदोलन के लिए निराकारी समागम मैदान में जाने को कहा था. लेकिन बड़ी संख्या में किसान अब भी दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर हैं. किसान अपना आंदोलन इसी जगह पर करना चाहते हैं. किसानों के इसा आंदोलन का असर आम जनजीवन पर पड़ने लगा है. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सिंघु बॉर्डर दिल्ली-हरियाणा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ रहा है. एक यात्री रामू ने बताया, "सारा रास्ता जाम है, 5-6 किलोमीटर पैदल आया.

वहीं, नए कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, पंजाब से सात लाख आदमी आए हैं. हम यहीं रहेंगे, सारी सड़कें ब्लॉक कर देंगे. हम 6 महीने का राशन लेकर आए हैं. बता दें कि किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने चर्चा की बात कही है. प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए किसानों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है. अगर प्रदर्शनकारी किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनसे 3 दिसंबर से पहले बात करे तो वह विरोध के लिए दिल्ली (Delhi) में निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जायें. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि प्रदर्शन तो रामलीला मैदान में होता है, लेकिन हमें निरंकारी समागम भेजा जा रहा है, जो कि एक निजी संस्था है. राकेश टिकैत ने कहा कि हमलोग आज यहीं रहेंगे.  Farmer Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बोले गृहमंत्री अमित शाह- तय जगह शिफ्ट होने के अगले ही दिन सरकार करेगी बात.

ANI का ट्वीट:- 

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गौरतलब हो कि देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ उत्तर प्रदेश व अन्य प्रांतों के किसान भी जुड़ गए हैं. उधर, केंद्र सरकार अपने रुख पर कायम है. सरकार ने किसानों से आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत के जरिए मसले का समाधान करने की अपील की है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई अन्य संगठनों से जुड़े किसान नेता दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए हुए हैं. उनके साथ हजारों की तादाद में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसना अपनी मांग पर अड़े हुए है.