नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों पर किसानों का आंदोलन थमता नजर नहीं आ रहा है. कई दौर की बैठकें बेनतीजा रहने के बाद किसानों ने सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है. उधर, इस मसले पर जमकर राजनीति भी हो रही है. बुधवार को केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे (Raosaheb Danve) ने दावा किया कि किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है. दानवे के बयान पर चुटकी लेते हुए शिवसेना (Shiv Sena) के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि भारत को अब चीन (China) औए पाकिस्तान (Pakistan) पर सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) करना चाहिए. Farmers Protest: ब्रिटेन की संसद में उठा भारत में किसानों के आंदोलन का मुद्दा, PM बोरिस जॉनसन के जवाब ने किया अचंभित
मीडिया से बात करते हुए गुरुवार को शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा “अगर केंद्रीय के एक मंत्री ये जानकारी देते है कि ये जो किसान आंदोलन चल रहा इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है, तो रक्षा मंत्री को तुरंत चीन और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए और राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.”
If a Union minister has information that China & Pakistan have a hand behind farmers agitation, then, the Defence Minister should immediately conduct a surgical strike on China & Pak. The President, PM, HM & Chiefs of the Armed Forces should discuss this issue seriously: S Raut https://t.co/1GagzoaTHA pic.twitter.com/ImIVdNiJVY
— ANI (@ANI) December 10, 2020
एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने महाराष्ट्र के जालना जिले के बदनापुर तालुका में कोल्टे तकली स्थित एक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन के दौरान कहा “जो आंदोलन चल रहा है, वह किसानों का नहीं है. इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है. इस देश में मुसलमानों को पहले भड़काया गया. (उन्हें) क्या कहा गया? एनआरसी आ रहा है, सीएए आ रहा है और छह माह में मुसलमानों को इस देश को छोड़ना होगा. क्या एक भी मुस्लिम ने देश छोड़ा?” उन्होंने कहा,'' वे प्रयास सफल नहीं हुए और अब किसानों को बताया जा रहा है कि उन्हें नुकसान सहना पड़ेगा. यह दूसरे देशों की साजिश है.” Farmers Protest: किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान, केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे का आरोप
हालांकि मंत्री ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि किस आधार पर उन्होंने यह दावा किया कि किसानों के विरोध के पीछे दोनों पड़ोसी देश हैं. दानवे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के प्रधानमंत्री हैं और उनका कोई भी निर्णय किसानों के खिलाफ नहीं होगा. Farmers Protest: सिंधु बॉर्डर पर धरने पर बैठे सोनीपत के किसान की मौत, परिजन बोले- ठंड लगने से गई जान
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के देशव्यापी आंदोलन लगातार 15वें दिन जारी है. कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने डेरा डाला है. वहीं, नये कानूनों में संशोधन के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद सरकार के साथ किसान नेताओं की बातचीत का मार्ग टूट गया है और इस दिशा में फिलहाल कोई नई पहल नहीं हुई है. जबकि किसान नेता आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर चुके हैं.