Farmers Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी, दयाल सिंह ने कहा- 'सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते'
केंद्र सरकार द्वारा देश में लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 23वें दिन भी जारी है. इस बीच किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह ने आज ANI न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि, 'सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते हैं.
नई दिल्ली, 18 दिसंबर: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा देश में लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 23वें दिन भी जारी है. इस बीच किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह (Dayal Singh) ने आज ANI न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि, 'सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते हैं. अगर सरकार बातचीत करके काले कानून वापस लेती है तो ठीक, नहीं तो हम ये मोर्चा नहीं छोड़ेंगे.'
बता दें कि बीते गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के किसानों के नाम एक खुला पत्र लिखा है. उन्होंने अपने इस आठ पन्नों के पत्र में कुछ किसान संगठनों पर कृषि सुधारों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
यह भी पढ़ें- Farmers Protest: कृषि बिल के खिलाफ जयपुर-दिल्ली हाईवे पर किसानों का धरना पांचवें दिन भी जारी
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान भाइयों और बहनों को एक पत्र लिखकर, विनम्र संवाद की कोशिश करके अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है. मैं सभी अन्नदास से इसे पढ़ने का अनुरोध करता हूं. मैं देशवासियों से भी आग्रह करता हूं कि इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाए.'
पीएम मोदी ने आगे लिखा, 'उनकी सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि किसानों को मनाने में उन्हें कामयाबी मिल जाए. लेकिन सतत प्रयास के बाद भी किसान अपनी मांग को लेकर अड़े हैं. इस दौरान विरोधी दलों को बैठे-बिठाएं एक मुद्दा मिला है जो सरकार के लिए शूल बन गया है.'
गौरतलब हो कि किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई बार बैठकें हुई हैं. लेकिन अब तक उसका कोई हल नहीं निकला है. उसके साथ ही एक बात और साफ है कि किसानों का आंदोलन अब और लंबा खींचने वाला है.
वहीं किसान आंदोलन को कई राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिलना शुरू हो गया है. किसानों के साथ कांग्रेस, सपा, शिरोमणि अकाली दल समेत कई पार्टी नेताओं ने मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.