नई दिल्ली:- केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर पिछले 51 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच एक बार फिर से केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक होनी है. वैसे तो इससे पहले भी कई बार केंद्र सरकार और किसानों के बीच हुई जरुर. लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला. अब शुक्रवार को यानी आज केंद्र सरकार को बातचीत के सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है. लेकिन किसान नेता अपनी मांग को लेकर अब अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि जबतक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है. उनका आंदोलन जारी रहेगा. इससे पहले किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच आठ बार बैठकें हो चुकी है. लेकिन किसान अपनी एक मांग पर अड़े है.
बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर स्थित प्रदर्शन स्थल सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में किसानों का प्रदर्शन जारी है. इस मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. तीन कृषि कानूनों पर रोक लगाकर सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जो समिति बनाई है. लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने अदालत द्वारा गठित कमेटी में शामिल सभी चारों सदस्य नए कृषि कानून के पैरोकार हैं. किसानों के मुद्दे पर दिल्ली में भूख हड़ताल करूंगा : अन्ना हजारे
गौरतलब हो कि संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को देशभर में किसान परेड निकालने समेत आंदोलन तेज करने को लेकर अन्य सभी पूर्व घोषित कार्यक्रमों को जारी रखने का फैसला लिया है. गणतंत्र दिवस की तैयारियों पर टिकैत ने कहा, 26 जनवरी को लेकर हमारी तैयारियां पूरी हैं. हम एक बैठक कर देखेंगे कि दिल्ली में कहां परेड कर सकते हैं. 26 जनवरी को लेकर हमारे पास तिरंगे भी आना शुरू हो गए हैं. (आईएएनएस इनपुट)