कृषि कानून को निरस्त करना ऐतिहासिक, फिर भी किसानों को बताएंगे इसके फायदे: मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय 'ऐतिहासिक' है, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता अब भी किसानों को रद्द किए गए कानूनों के लाभों के बारे में बताएंगे.
नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय 'ऐतिहासिक' है, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता अब भी किसानों को रद्द किए गए कानूनों के लाभों के बारे में बताएंगे. यहां भाजपा के किसान मोर्चा की बैठक में शामिल होने के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा, हमने हमेशा किसानों की भलाई के लिए काम किया है और उनके हित के बारे में बात की है.
आगामी विधानसभा चुनावों पर किसानों के विरोध के प्रभाव पर, मंत्री ने दावा किया: देश भर में और यहां तक कि पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में भी पार्टी पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा, पार्टी इन राज्यों में जीत दर्ज करेगी. इन राज्यों में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होने हैं. तोमर ने कहा, पार्टी कार्यकर्ता अभी भी किसानों को कृषि कानूनों के लाभों के बारे में बताएंगे. यह भी पढ़े: प्रधानमंत्री मोदी ने की तीनों नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा
उन्होंने कहा, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार काम कर रही है. पार्टी कृषि क्षेत्र की दिशा में काम कर रही है, जिसके लिए सरकार ने एमएसपी को लागत से 1.5 गुना बढ़ाया है, कृषि बुनियादी ढांचे के लिए 1 लाख करोड़ रुपये जारी किए हैं.