छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद पर 50 करोड़ के घोटाले का आरोप, मामला दर्ज
छत्तीसगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Photo Credit- Twitter)

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद और डी.के. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता पर पद का दुरुपयोग करने सहित 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का एक मामला यहां गोल बाजार पुलिस थाने में दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस के अनुसार, डी.के. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. के.के. सहारे ने डॉ. पुनीत गुप्ता के कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों को लेकर गोल बाजार थाने में शुक्रवार को शिकायत की, और शिकायत के आधार पर पुलिस ने डॉ. गुप्ता के खिलाफ धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.

नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) देवेंद्र चरण पटेल ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, "डॉ. सहारे ने शुक्रवार को पुलिस थाने में शिकायत की कि डॉ. गुप्ता के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर गड़बडियां हुई हैं. डॉ. गुप्ता दिसंबर 2015 से अक्टूबर 2018 तक डी.के.एस. अस्पताल के अधीक्षक रहे हैं. शिकायत में कहा गया है कि डॉ. गुप्ता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए नियम विरुद्ध  डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की. इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता की."

पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है, "डॉ. गुप्ता ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया. कई ऐसी मशीनें खरीदी गईं, जिनका मरीजों से सीधा कोई संबंध नहीं था. पटेल ने बताया, "अस्पताल अधीक्षक डॉ. सहारे की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर डॉ. गुप्ता के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 120बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. जांच जारी है. अभी तक डॉ. गुप्ता की गिरफ्तारी नहीं हुई है. डॉ. गुप्ता का डी.के. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से तबादला हो चुका है."

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 से 2018 तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार थी. इसी अवधि के दौरान तीन साल डॉ. गुप्ता डी. के. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षक थे. वह डॉ. रमन सिंह के दामाद हैं. पिछले राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार गई और दिसंबर 2018 में कांग्रेस राज्य की सत्ता पर काबिज हुई. उसके बाद डॉ. गुप्ता का डी.के.एस. अस्पताल से स्थानांतरण हो गया. अब उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.

डी.के. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल राज्य की राजधानी का एक प्रमुख सरकारी अस्पताल है. इसे कभी डी.के. अस्पताल के तौर पहचाना जाता था. छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद इस अस्पताल का स्वरूप बदल गया है.