इस साल निजी कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान
कोरोना महामारी के कारण उपजे संकट के बाद भारतीय कंपनियां कर्मचारियों के वेतन में 9.9 फीसदी की बढोतरी कर सकती हैं, जो ब्रिक्स देशों में सर्वाधिक है.
नयी दिल्ली, 16 फरवरी : कोरोना महामारी के कारण उपजे संकट के बाद भारतीय कंपनियां कर्मचारियों के वेतन में 9.9 फीसदी की बढोतरी कर सकती हैं, जो ब्रिक्स देशों में सर्वाधिक है. ब्राजील,रूस,भारत और चीन के बीच तुलनात्मक अध्ययन में वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म एयोन ने पाया कि भारत में कर्मचारियों के वेतन में सर्वाधिक 9.9 फीसदी की बढ़त का अनुमान है जबकि रूस में 6.1 प्रतिशत, चीन में 6.0 प्रतिशत और ब्राजील में पांच प्रतिशत की तेजी का अनुमान जताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ई कॉमर्स और वेंचर कैपिटल क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में सर्वाधिक इजाफा होने का अनुमान है. इसके अलावा हाई टेक, आईटी, आईटी आधारित सेवा और लाइफ साइंस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ेगा.
हालांकि, रिक्त पदों को न भरने की दर भी भारत में ही सर्वाधिक है. पिछले साल यह दर 21 प्रतिशत रही, जो गत एक दशक में सर्वाधिक है. भारत में एयोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं साझेदार नितिन सेठी ने बताया कि उथलपुथल के दौर में कर्मचारियों के लिए वेतन में बढ़ोतरी एक स्वागतयोग्य पहल है. हालांकि, कंपनियों के लिहाज से यह एक दोधारी तलवार है, जहां बड़ी संख्या में नौकरी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों के बीच कुशल कर्मचारी को नौकरी पर रखने की कीमत बढ़ रही है. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: भारत में कोरोना के 30,615 नए मामले दर्ज, 514 मरीजों की मौत
इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 40 से अधिक उद्योगों की 1,500 कंपनियों के आंकड़े का विश्लेषण किया गया. एयोन के एक अन्य साझेदार रूपांक चौधरी के मुताबिक कोरोना महामारी की पहली लहर में जूझने वाले उद्योग जैसे रिटेल, लॉजिस्टिक, रेस्टोरेंट आदि भी आधुनिक डिजिटल चैनल के जरिये पटरी पर आ गये हैं और यह वापसी वेतन में आठ फीसदी और उससे अधिक की बढ़ोतरी में देखी जा सकती है. उन्होंने हालांकि महंगाई के दबाव और कोरोना संक्रमण के खतरे को वेतन वृद्धि के रास्ते में रोड़ा बताया है.