Tamil Nadu's New Education Policy 2025: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य की अपनी नई शिक्षा नीति (New Education Policy) की घोषणा कर दी है. इस नीति का सबसे बड़ा और साफ संदेश यह है कि राज्य के स्कूलों में सिर्फ दो भाषाएं ही पढ़ाई जाएंगी - तमिल और अंग्रेजी.
इस मौके पर मुख्यमंत्री स्टालिन ने सरकारी स्कूलों के 901 छात्रों को सम्मानित भी किया, जिन्हें IITs और NITs जैसे देश के टॉप कॉलेजों में एडमिशन मिला है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु में 12वीं पास करने वाले 75% छात्र हायर एजुकेशन के लिए जा रहे हैं और उनका लक्ष्य इसे आने वाले सालों में 100% तक पहुंचाना है.
स्टालिन ने कहा, "हम अपनी शिक्षा में 'पिरोक्कू' (पिछड़ी या संकीर्ण सोच) को बिल्कुल भी जगह नहीं देंगे. हमारी शिक्षा नीति का लक्ष्य 'समथुवा कल्वी' (समानता के लिए शिक्षा) और 'पगुथारिवु कल्वी' (तर्कसंगत सोच वाली शिक्षा) को बढ़ावा देना है. यह छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा के लिए तैयार करेगा."
यह फैसला क्यों लिया गया?
यह फैसला केंद्र सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के सीधे विरोध में है. तमिलनाडु की DMK सरकार शुरू से ही NEP का यह कहकर विरोध कर रही है कि यह "सामाजिक न्याय के खिलाफ" है और इसके जरिए राज्य पर हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है.
NEP में तीन-भाषा फॉर्मूले (Three-language formula) का सुझाव दिया गया है, जिसका मतलब है कि स्कूलों में तीन भाषाएं पढ़ाई जाएं. तमिलनाडु ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. अपनी अलग शिक्षा नीति बनाने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज, जस्टिस डी मुरुगेसन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी, जिसने 2024 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर यह नई नीति लागू की गई है.
केंद्र के साथ पैसों का विवाद
यह मामला सिर्फ नीतियों के टकराव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है. तमिलनाडु सरकार ने आरोप लगाया है कि NEP और पीएम श्री स्कूल योजना को लागू न करने के कारण केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा योजना के तहत मिलने वाले उसके लगभग 2,200 करोड़ रुपये के फंड को रोक दिया है. राज्य सरकार ने केंद्र के इस कदम को "असंवैधानिक, मनमाना और अवैध" बताया है. अपनी याचिका में तमिलनाडु ने मांग की है कि केंद्र सरकार यह रुका हुआ फंड तुरंत जारी करे और उस पर ब्याज भी दे.













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