Allahabad HC on EWS: '69000 शिक्षक भर्ती में ईडब्ल्यूएस को नहीं मिलेगा आरक्षण': इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नियुक्त अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर
Allahabad High Court (Photo Credits: File Photo)

Allahabad High Court on EWS: उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापकों की बहुचर्चित भर्ती प्रक्रिया को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को आरक्षण नहीं मिलेगा. हालांकि, कोर्ट ने ये भी माना है कि जब यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, उस समय राज्य सरकार ने EWS आरक्षण लागू कर दिया था. लेकिन तब तक भर्ती के लिए पद अधिसूचित नहीं किए गए थे. इसलिए बिना अधिसूचना के EWS आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता. हाईकोर्ट ने कहा कि इस भर्ती के सभी पदों पर नियुक्ति हो चुकी है और चयनित अभ्यर्थी वर्षों से सेवा दे रहे हैं.

''अब उन्हें हटाकर नई सूची बनाना न तो व्यावहारिक है और न ही न्यायसंगत. इतना ही नहीं, नियुक्त अभ्यर्थियों की वैधता को कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी गई थी.''

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हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनाया फैसला

यह फैसला जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरी की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने यह फैसला शिवम पांडे और कई अन्य अभ्यर्थियों की अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए सुनाया. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि 17 मई 2020 को जब इस भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था, तब तक EWS आरक्षण लागू हो चुका था. इसलिए उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए.

लेकिन कोर्ट ने दो टूक कहा कि जब तक पदों की अधिसूचना नहीं होती, तब तक कोई भी आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता.

नियुक्त अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए दलित-पिछड़े वर्ग के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने इसे सही ठहराया. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच और अब डबल बेंच, दोनों ने EWS की मांग को खारिज कर दिया है.

यह फैसला भर्ती प्रक्रिया में चल रही असमंजस की स्थिति को खत्म करता है और पहले से नियुक्त अभ्यर्थियों के लिए राहत लेकर आया है.