शिवसेना को लेकर ठाकरे बनाम शिंदे की लड़ाई मामले में चुनाव आयोग ने दस्तावेज मांगे
चुनाव आयोग ने दोनों धड़ों उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को शिवसेना में बहुमत होने के अपने दावे को साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा है.
नई दिल्ली, 23 जुलाई : चुनाव आयोग ने दोनों धड़ों उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को शिवसेना में बहुमत होने के अपने दावे को साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा है. आयोग के मुताबिक, दोनों समूहों को दोपहर 1 बजे तक जवाब देने को कहा गया है. 8 अगस्त को चुनाव आयोग शिवसेना के दोनों धड़ों के दावों और विवादों को लेकर सुनवाई करेगा.
दोनों गुटों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी पर दावा पेश किया है. उद्धव ठाकरे गुट ने कई मौकों पर आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी के कुछ सदस्य पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. इसने शिंदे गुट द्वारा 'शिवसेना' या 'बाला साहब' नामों का उपयोग करके किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना पर भी आपत्ति जताई थी. गुट ने आगे एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, तांजी सावंत और उदय सामंत को पार्टी पदों से हटाने की मांग की थी. शिंदे ने चुनाव आयोग को यह भी बताया है कि 55 में से 40 विधायक, विभिन्न एमएलसी और 18 में से 12 सांसद उनके साथ हैं. यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री को शतरंज ओलंपियाड में आमंत्रित किया
जब दो गुट एक ही चुनाव चिह्न् पर दावा पेश करते हैं, तो चुनाव आयोग सबसे पहले पार्टी के संगठन और उसके विधायिका विंग के भीतर प्रत्येक गुट के समर्थन की जांच करता है. ऐसे मामलों में आयोग पार्टी के चुनाव चिह्न् को भी जब्त कर सकता है और दोनों गुटों को नए नामों और प्रतीकों के साथ पंजीकरण करने के लिए कह सकता है. यदि चुनाव नजदीक हैं, तो यह दोनों समूहों को एक अस्थायी चुनाव चिह्न् चुनने के लिए कह सकता है.