नई दिल्ली: ब्रह्मोस की जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने वाले डीआरडीओ के इंजीनियर निशांत अग्रवाल से एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. पता चला है कि निशांत फेसबुक पर 'नेहा शर्मा' और 'पूजा रंजन' नाम से चल रहे दो फर्जी एकाउंट के जरिये पाकिस्तान को ब्रह्मोस की खुफिया जानकारी पहुंचाता था. दोनों की फेसबुक अकाउंट्स पाकिस्तान से चल रहे थे. साथ ही अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि अग्रवाल बहुत संवेदनशील काम में लगे होने के बावजूद काफी लापरवाह था.
इसके चलते वह पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी का आसान शिकार बन गया। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, निशांत सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन के जरिए भी पाकिस्तानियों के संपर्क में था. आईएसआई द्वारा संचालित दोनों फर्जी फेसबुक अकाउंट्स में से नेहा ने खुद को लंदन का बताया था जबकि पूजा का कहना था कि वह अमेरिका के शिकागो में रहती है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र से ISI एजेंट गिरफ्तार, PAK को दी ब्रह्मोस मिसाईल से जुड़ी अहम जानकारियां
हालांकि सच्चाई यह थी कि दोनों ही फर्जी नामों से अकाउंट इस्लामाबाद से संचालित किए जा रहे थे. इससे पहले निशांत अग्रवाल को नागपुर की सत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां से अदालत ने उसे तीन दिनों की ट्रांजिंट रिमांड पर यूपी एटीएस को सौंप दिया है। उसे सोमवार को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था.
निशांत अग्रवाल नाम का यह शख्स ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट में काम करता था. सुरक्षा एजेंसियों को शक था कि वह ब्रह्मोस मिशन से जुडी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई और अमेरिका तक पहुंचा रहा था. जिसके बाद सोमवार को उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. एटीएस फिलहाल इस शख्स से पूछताछ कर रही है और इसके बारे में और जानकारियां जुटा रही है. यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इससे पहले उसने कौन-कौन सी सूचनाएं दुश्मन देश पाकिस्तान और अमेरिका तक पहुंचाई हैं.