हमें 'आप' न दे सलाह कि स्कूल कैसे चलाना है: गोवा सीएम प्रमोद सावंत
आम आदमी पार्टी (आप) पर कटाक्ष करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि वह सरकारी प्राथमिक स्कूलों को चलाने के बारे में सलाह ना दें. इसके बजाय वो अपने स्कूलो की स्थिति की जांच करवाएं.
पणजी, 11 अगस्त : आम आदमी पार्टी (आप) पर कटाक्ष करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने गुरुवार को कहा कि वह सरकारी प्राथमिक स्कूलों को चलाने के बारे में सलाह ना दें. इसके बजाय वो अपने स्कूलो की स्थिति की जांच करवाएं. सावंत, आप की गोवा इकाई के उस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें आप ने सरकारी प्राथमिक स्कूलों को गोद लेने की पेशकश की थी कि गोवा सरकार छात्रों की कम संख्या के कारण कई स्कूलों के विलय की कोशिश कर रही है. आप ने कहा कि वे गोवा में नामांकन बढ़ाने और परिणामों में सुधार के लिए दिल्ली मॉडल का इस्तेमाल करेंगे. सावंत ने कहा, सरकार गोवा में स्कूल चलाने में सक्षम है. पिछले 60 वर्षों से सरकार प्राथमिक विद्यालय चला रही है. 2012 से 2022 तक भाजपा सरकार ने स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है. हमें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है.
किसी भी राजनीतिक दल को स्कूल चलाने की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता नहीं है. सरकार सक्षम है. हम छात्रों की शिक्षा के बारे में चिंतित हैं. हमें भवन निर्माण की कोई चिंता नहीं है. हमें छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की चिंता है. इसलिए, विलय का निर्णय सामने आया, उन्होंने कहा. नई शिक्षा नीति, शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षा का स्तर, इन सभी पर विचार करते हुए हमने एक सर्वे शुरू किया है, हम स्कूलों को बंद नहीं कर रहे हैं. हम इसका विलय करना चाहते हैं और शिक्षकों को अच्छा बुनियादी ढांचा देना चाहते हैं. हम किसी से मार्गदर्शन नहीं चाहते हैं, सावंत ने कहा. यह भी पढ़ें : कांग्रेस 28 अगस्त को रामलीला मैदान में करेगी “महंगाई पर हल्ला बोल ” रैली
राजनीतिक दलों को यह नहीं दिखाना चाहिए कि वे कुछ महान करना चाहते हैं, उन्हें अपने राज्य में जाना चाहिए और अपने स्कूलों की स्थिति देखनी चाहिए. केवल ज्ञापन देकर यह दिखाने की कोशिश करना कि वे कुछ अच्छा कर रहे हैं.. हम स्कूल चलाने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि विलय का प्रस्ताव 'योजना के चरण' में है. सावंत ने कहा, हम शिक्षकों और अभिभावकों सहित सभी हितधारकों को विश्वास में लेंगे. बस उनके मन में घबराहट पैदा न करें. शिक्षा मंत्री के रूप में मुझे चिंता है.