Uttarakhand Disaster: तपोवन टनल के बाहर चक्कर लगा रहा यह वफादार कुत्ता, बिना खाए अपने मालिक का कर रहा इंतजार

कुत्तों को वफादार जानवर कहा जाता है. वह अपने मालिक के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. यही कारण है कि लोग भी इस जानवर की सेवा भी पूरे मन से करते हैं. कई लोग तो इन्‍हें अपने परिवार का सदस्‍य तक मानते हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

देहरादून: कुत्तों को वफादार जानवर कहा जाता है. वह अपने मालिक के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. यही कारण है कि लोग भी इस जानवर की सेवा भी पूरे मन से करते हैं. कई लोग तो इन्‍हें अपने परिवार का सदस्‍य तक मानते हैं. इन दिनों एक ऐसा ही एक वफादार कुत्ता उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में मिला जो अपने लापता मालिक की तलाश कई दिनों से कर रहा है. आलम यह है कि वो पिछले कई दिनों से उसी टनल के बाहर बैठा है, जहां प्राकृतिक आपदा ने सबसे ज्‍यादा कहर बरपाया. Uttarakhand: चमोली आपदा में मारे गए श्रमिकों के परिजन को 20-20 लाख रुपए देगी एनटीपीसी

इस प्राकृतिक आपदा में सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिले का रैणी गांव हुआ. वहां रहने वाले कई लोग इस हादसे में हताहत हुए हैं. इस भीड़ के कहीं एक कोने में आपदा के पहले दिन से ही अब तक एक बेजुबान बेबस और गुमसुम है. अपनों के इंतजार में इसकी आंखें टकटकी लगाए टनल और रेस्क्यू ऑपरेशन को लगातार देख रही हैं. अपने मालिक की गंध सूंघते हुए यह कई दिनों से टनल के बाहर खड़ा है.

कुत्ते ने अपने मालिक की याद में कई दिनों से नहीं खाया खाना

ऋषि गंगा नदी में आई आपदा के बीच जहां लोग अपनों को ढूंढ रहे हैं, तमाम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, कई लोग लापता हैं. उनके बीच एक कुत्ता घटना के पहले दिन से अपने किसी पहचान वाले को या अपने मालिक को ढूंढ रहा है. कहते हैं कि बीते कई दिनों से उसने खाना भी नहीं खाया है. रोजाना यहां मलबे में ये किसी अपने को ढूंढने की कोशिश करता है.

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