गाजीपुर के पोल्ट्री मार्केट मंडी से निकलने वाले कूड़े से अब बनेगी बिजली और खाद, CM केजरीवाल ने किया प्लांट का उद्घाटन
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits Delhi Govt)
नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल ने आज गाजीपुर के पोल्ट्री मार्केट में मंडी से निकलने वाले कूड़े से बिजली और खाद बनाने के प्लांट का उद्घाटन किया. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन गोपाल राय समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.  सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गाजीपुर मंडी से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे से वेस्ट टू पावर प्लांट की मदद से बिजली बनाई जाएगी. दिल्ली में कचरा प्रबंधन के लिए आने वाले कुछ वर्षों में इस तरह के कई छोटे-छोटे प्लांट स्थापित किए जाने की जरूरत है। मौजूदा बड़े डब्ल्यूटीपी प्लांट और ऐसे सैकड़ों छोटे प्लांट्स को स्थापित करने के बाद रोजना निकलने वाले कचरे को कूड़े के पहाड़ों पर नहीं डालना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि कचरे को री-साइकिल किया जाना चाहिए, खाद में बदलने, बिजली पैदा करने या ईंट भट्टों में उपयोग होना चाहिए, इससे दिल्ली समृद्ध हो सकती है. वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस प्लांट से बनी बिजली लोगों के घरों को रौशन भी करेगी और लोगों को कूड़े से निजात भी दिलाएगी। मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट उस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. राजधानी में प्रदुषण रोकने के लिए एक्टिव हुई केजरीवाल सरकार, मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए वाॅर रूम का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि यह आज वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, कूड़े से बिजली बनाने और खाद बनाने वाला प्लांट शुरू हो रहा है। इस मंडी में जितना भी प्रतिदिन के आधार पर कूड़ा पैदा होगा, उस सारे कूड़े से रोज बिजली बनाई जाएगी.  दिल्ली देश की राजधानी है, राजधानी होने के नाते दिल्ली को राजधानी जैसे दिखना भी चाहिए, उस स्तर की साफ-सफाई भी होनी चाहिए, लेकिन हम देखते हैं कि चारों तरफ बहुत ज्यादा कूड़ा-कूड़ा ही रहता है। दिल्ली के अंदर कूड़े के तीन बड़े-बड़े पहाड़ बन गए हैं.  आज जो यह प्लान चालू हो रहा है, इसी तरह के ढेर सारे प्लांट पूरी दिल्ली में लगने की जरूरत है.

यह छोटा सा प्लांट है, 15 टन कूड़ा कुछ भी नहीं होता है, उससे 1500 यूनिट बिजली प्रतिदिन बनेगी, जो बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन ऐसे छोटे-छोटे सैकड़ों प्लांट पूरी दिल्ली के अंदर लगने की जरूरत है.  एक तरफ कुछ बड़े प्लांट भी बेस्ट टू एनर्जी के प्लांट लगे हुए हैं, वह भी अच्छी बात है और दूसरी तरफ बहुत सारे छोटे-छोटे प्लांट पूरी दिल्ली के अंदर लगेंगे, तो हम फिर ऐसी स्थिति में पहुंच सकते हैं कि दिल्ली का सारा कूड़ा, चाहे वह मंडी से निकले, चाहे घरों से निकले, चाहे दुकानों से निकले या फिर फैक्ट्रियों से निकले, वह सारा कूड़ा फिर इन पहाड़ों पर नहीं जाना चाहिए.

कूड़े का एक भी दाना इन पहाड़ों पर नहीं जाना चाहिए, वह सारा का सारा कूड़ा रोजाना खत्म हो जाना चाहिए। उससे चाहे खाद बन जाए, बिजली बन जाए या फिर वो ईंट भट्ठे में चला जाए। उस कूड़े का कहीं न कहीं पर री-साइकलिंग होनी चाहिए। तभी दिल्ली आगे बढ़ सकती है। अन्यथा, इस कूड़े के पहाड़ का कोई अंत ही नहीं है। आज इनका यह हाल है.  10 साल बाद और इतने ही ऊंचे हो जाएंगे। इसलिए अब हमें इसकी तरफ ध्यान देना पड़ेगा। मैं समझता हूं कि उस दिशा में आज यह जो एक छोटा सा प्लांट शुरू किया जा रहा है, उसका बहुत बड़ा महत्व है

*इस प्लांट से बनी बिजली लोगों के घरों को रौशन भी करेगी और कूड़े निजात भी दिलाएगी- श्री मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली में कूड़े से बिजली बनाने के लिए प्लांट की शुरूआत की गई है. यह जो सब्जी मंडियों का कूड़ा है, मुर्गा मंडी का कूड़ा है, इससे बिजली बनाने के प्लांट की शुरुआत हुई है। इसे बनी बिजली अब दिल्ली में घरों को भी रोशन करेगी और साथ-साथ इस प्रयास से जो कूड़ा आसपास फैलता था, उससे भी लोगों को निजात मिलेगी. यह आपने आपने पहला प्रयोग है, जो किसी भी मंडी में शुरू किया गया है। इसके लिए मैं विकास विभाग की टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. आदमी जहां भी रहता है, वहां कुछ खाएगा, रहेगा, कुछ रोजगार करेगा, तो कूड़ा भी फैलेगा.आप कभी ऐसी कल्पना नहीं कर सकते कि आदमी रहेगा भी, वहां रोजी-रोटी भी कमाएगा, वहां खाएगा-पीएगा भी और बिल्कुल भी कूड़ा नहीं फैले.

कूड़ा तो फैलेगा, लेकिन उस कूड़े को हम सड़कों पर फैले रहने दें, या उसको किसी कूड़े का पहाड़ बनाएं या उसको इकट्ठा करके उससे बिजली बना लें। यही गवर्नेंस है, इसी से पता चलता है कि सरकार कितनी समझदार है। आज की तकनीकी और विज्ञान का इस्तेमाल करके सरकार कितना इतना आगे बढ़ रही है और जब किसी सरकार के मुख्यमंत्री खुद आईआईटी से पढ़े हुए हों, तो फिर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं होगा, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. उनका गाइडेंस हमेशा इस बात को लेकर रहती है कि जो काम समान्य रूप से नहीं हो पा रहा है या हो रहा है, तो धीरे हो रहा है या इसमें कोई कमी हो रही है, उसमें टेक्नोलॉजी का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं? विज्ञान की नई तकनीक का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इस को ध्यान में रखते हैं.

*दिल्ली नगर निगम पूरी तरह से असफल है, इसलिए दिल्ली सरकार ने कूड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी ली- श्री मनीष सिसोदिया

डिप्टी सीएम श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वैसे दिल्ली में कूड़ा साफ करने, कूड़े को ठिकाने लगाने और इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है, लेकिन दिल्ली के किसी भी गली में चले जाओ, वहां पर कूड़े के जो हालात हैं, वो आपको बता देंगे कि दिल्ली नगर की सरकार कितनी फेल और कितनी पास है, इस पर मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है। मंडियों का जो कूड़ा निकलता है, कायदे में देखें तो इसके निस्तारण की जिम्मेदारी भी दिल्ली नगर निगम की ही थी, लेकिन वो पूरी तरह से फेल हैं

इसीलिए यह जिम्मेदारी हमारे मंडी के अधिकारियों और दिल्ली सरकार ने उठाई और अब कम से कम इस मंडी का कूड़ा लोगों के लिए परेशानी का कारण नहीं बनेगा और इससे लोगों के घरों को रोशन करने के लिए बिजली मिलेगी.  यह एक नेक काम है और हमारे विभाग के अधिकारियों ने यह एक शानदार काम किया है.  मुझे उम्मीद है कि इसी तरह के प्लांट दिल्ली के सभी मंडियों में लगाए जाएंगे और धीरे-धीरे हमारी सारी मंडियां जीरो कूड़ा फेंकने वाली मंडी बन जाएंगी। आप सभी से अनुरोध है कि इस प्लांट के बाद हमारी मंडिया साफ दिखेंगी, तो लोग कहेंगे कि अब ज्यादा सफाई साफ सफाई रहने लगी है.

*सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट उस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा- श्री गोपाल राय

दिल्ली के विकास मंत्री एवं दिल्ली एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन श्री गोपाल राय ने कहा कि गाजीपुर के अंदर मुर्गा और मछली मार्केट के साथ-साथ सब्जी और फल मार्केट से जो कूड़ा और कचरा पैदा होता है, उसको बिजली और खाद में रूपांतरित करने के लिए यह प्लांट लगाया गया है.  हम आप सब देख रहे हैं कि दिल्ली आज प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है। दिल्ली के प्रदूषण की समस्या में दिल्ली के अंदर का भी प्रदूषण भी है और दिल्ली के बाहर का भी प्रदूषण है। बाहर का जो पराली से प्रदूषण दिल्ली के अंदर फैल रहा है, बाहर से जो थर्मल प्लांट से प्रदूषण फैल रहा है, दिल्ली के चारों तरफ आसपास में ईंट भट्ठों के गैस से जो प्रदूषण आ रहा है, उसके लिए हम बार-बार केंद्र सरकार से हम हाथ जोड़ते हैं.

मुख्यमंत्री बार-बार केंद्र सरकार से संवाद करते हैं.  दिल्ली के अंदर देश की पहली सरकार है, जिसने अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में इस कोरोना काल के दौरान दिल्ली के लोगों के ऊपर जो प्रदूषण का संकट आया है, उसके खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है। हमें इस बात का भरोसा है कि जिस तरह से दिल्ली के लोगों ने पिछले दिनों इस प्रदूषण के खिलाफ मिलकर के एकजुट होकर के लड़ाई लड़ी, आज फिर दिल्ली के अंदर दोबारा पिछले एक महीने से लोग लड़ाई लड़ रहे हैं। यह ऐसी सरकार है, जो तात्कालिक रूप से भी सक्रिय होती है और निरंतर काम करती है, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट उसी के बढ़ते हुए कदम का एक मील का पत्थर है.

 
*रेड लाइट पर अपनी गाड़ी बंद करके प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दें- श्री गोपाल राय

श्री गोपाल राय ने कहा कि यहीं पर बगल में ही कूड़े का एक पहाड़ है, इसे कम करने में सालों साल लग गए, लेकिन एमसीडी इसे टस से मस नहीं कर पाई और योजनाएं बनती रहीं, घोषणाएं होती रहीं। भलस्वा के अंदर भी कूड़े का एक पहाड़ है। वहीं, दिल्ली सरकार ने आरोपों-प्रत्यारोपों से आगे बढ़ कर एक नया मॉडल खड़ा किया है कि दिल्ली के अंदर मंडियों में जो कूड़ा पैदा होता है, उस कचरे से हम ऊर्जा भी पैदा करेंगे और खाद पैदा करेंगे। मुझे लगता है कि यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की जो दिल्ली को स्थाई रूप से प्रदूषण मुक्त बनाने की लड़ाई है, उसमें नई शुरुआत हुई है। इसके साथ-साथ दिल्ली के अंदर ग्रीन क्षेत्र बनाने का काम निरंतर चल रहा है। दिल्ली के अंदर पेड़ों ग्रीन बेल्ट है, वह आगे बढ़े, इसीलिए अरविंद केजरीवाल ने ट्री ट्रांसप्लांट पाॅलिसी दिल्ली की जनता को समर्पित किया, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पाॅलिसी को समर्पित किया.

दिल्ली के अंदर डेढ़ हजार ऐसी फैक्ट्रियां थीं, जो जहरीले ईंधन से चलती थी, पिछले 3 साल से लगातार मेहनत के बाद उनमें से लगभग 1400 फैक्ट्रियां आज पीएनबी पर चल रही हैं. दिल्ली के अंदर निरंतर काम हो रहा है, अस्थाई रूप से काम हो रहा है और तत्कालिक भी काम हो रहा है। उस दिशा में मुझे भरोसा है कि आज जो इस प्लांट की शुरुआत हुई है, इसे हम अन्य मंडियों तक लेकर जाएंगे और इसके सफलता के आधार पर आगामी दिनों में सरकार दिल्ली के अंदर और जगहों पर कूड़े कचरे से बिजली बनाने की तरह बढ़ेगी. मुझे भरोसा है कि आप सब लोगों का जिस तरह से अरविंद केजरीवाल को आशीर्वाद मिला है और अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली के अंदर विकास और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई हम मिलकर लड़ेंगे.

श्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी आॅफ’ अभियान सीएम अरविंद केजरीवाल जी ने शुरु किया है, उसने हमें कोई नुकसान नहीं है, हमें सिर्फ फायदा ही फायदा है। रेड लाइट पर हम प्रतिदिन करीब 15 से 20 मिनट तक गुजारते हैं.हम अपना पैसा भी खर्च करते है और इससे प्रदूषण भी बढ़ता है. आप सभी से निवेदन है कि आप भी दिल्ली की सड़कों पर चलते हैं, अगर रेड लाइट ऑन है, तो गाड़ी आफ होनी चाहिए. दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में यह आपका योगदान और सहयोग है.

इससे पहले, मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर के पोल्ट्री मार्केट में मंडी से निकलने वाले कूड़े से बिजली और खाद बनाने के प्लांट का उद्घाटन किया। करीब 9 करोड़ रुपए की लागत से इस प्रोजेक्ट की शुरूआत 2017 में की गई थी। इस 9 करोड़ रुपए में 420 लाख रुपए प्रोजेक्ट की लागत, 6 साल का वार्षिक रख-रखाव के लिए करार और मंडी की साफ सफाई के साथ कूड़े के निस्तारण पर आने वाला खर्च आदि शामिल है। इस प्लांट की क्षमता 15 टन प्रतिदिन की है। फूलमंडी से 5 टन प्रतिदिन कचरा आता है, गाजीपुर की फल एवं सब्जी मार्केट से करीब 10 टन कचरा आता है। इन दोनों आर्गैनिक कचरे को मिला कर यह प्लांट पूरी क्षमता के साथ इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्लांट 1500 यूनिट बिजली पैदा होगी.