नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (Delhi University Teachers Association) (DUTA) ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को पत्र लिकर रोस्टर (Roster) मुद्दे और शिक्षकों को नियमित करने के लिये रखे गये प्रस्ताव के समर्थन की मांग की. डूटा ने कहा, केंद्र सरकार ने शिक्षक का पेशा अपनाने वाले प्रतिभाशाली लोगों की दुर्दशा और उच्च शिक्षा के मानकों के प्रति उदासीनता दिखाई है. जुलाई में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्चतम न्यायालय का आदेश आने तक उच्च शिक्षा संस्थानों में अकादमिक स्टाफ की नियुक्ति रोक दी थी.
उच्चतम न्यायालय को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की उस याचिका पर फैसला देना है जिसमें मंत्रालय ने एक अदालत के अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण देने के संबंध में परिपत्र जारी करने को चुनौती दी थी. डूटा ने अपने पत्र में लिखा, "हम दिल्ली सरकार के महाविद्यालयों में अस्थायी और तदर्थ रूप में काम कर रहे अध्यापकों को नियमित करने की गवर्निंग बॉडी की ओर की गई पहल की प्रशंसा करते हैं.
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दिल्ली विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में पद खाली होने के बावजूद हजारों शिक्षक बीते कई वर्षों से तदर्थ के आधार पर काम कर रहे हैं." शिक्षकों के संगठन ने केजरीवाल से इन प्रयासों को आगे ले जाने की अपील की है. डूटा ने इस मसले को संसद के शीतकालीन सत्र में हल करने के लिये सभी राजनीतिक दलों से संपर्क किया है.