Delhi Pollution: राजधानी के हालात पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब-हरियाणा सरकार को लगाई फटकार, ऑड-ईवन स्कीम पर भी उठाए सवाल

बढ़ते प्रदूषण पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए SC ने कई सख्त निर्देश दिए. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आज से ही लागू हुए ऑड-ईवन पर सवाल खड़े कर दिए हैं और दिल्ली सरकार से पूछा है कि आखिर इसका फायदा क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा "हम इस तरह से नहीं रह सकते हैं. केंद्र और राज्य को कुछ करना चाहिए.

राजधानी के हालात पर सुप्रीम कोर्ट सख्त (Photo Credit- Wikimedia)

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. राजधानी में फैले प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा- 'प्रदूषण से हर साल दिल्ली में हालात बदतर हो जाते हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे. हर साल ऐसा ही हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर साल दिल्ली चोक हो जाती है. अधिकारियों को फटकार लगाते हुए SC ने कई सख्त निर्देश दिए. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आज से ही लागू हुए ऑड-ईवन पर सवाल खड़े कर दिए हैं और दिल्ली सरकार से पूछा है कि आखिर इसका फायदा क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा "हम इस तरह से नहीं रह सकते हैं. केंद्र और राज्य को कुछ करना चाहिए.

SC ने कहा यह बहुत ज्यादा हो गया है. कोई भी जगह इस शहर में रहने के लिए सुरक्षित नहीं है, यहां तक कि घर में भी नहीं. हम इसके कारण अपने जीवन के बहुमूल्य सालों को खो रहे हैं." राजधानी में प्रदूषण के मुख्य कारण माने जाने वाले पराली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पंजाब हरियाणा आदि में पराली जलाने के कारण क्या हैं? अगर पराली जलाने पर रोक है तो दोनों सरकारें (केंद्र और राज्य सरकार) भी जिम्मेदार हैं. मामले में ग्राम पंचायत, सरपंच और बाकी अधिकारी क्या कर रहे हैं? पंजाब और हरियाणा में कौन पराली जला रहे हैं? हमें कदम उठाने होंगे. ग्राम सरपंचों को जानकारी होगी.

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पराली जलाने को लेकर SC सख्त-

ऑड-ईवन स्कीम समझ से परे- SC

SC ने कहा कि हमें उन लोगों के नाम दीजिए जो पराली जला रहे हैं और लोगों को मरने के लिए छोड़ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर स्थानीय पुलिस पराली जलाने पर लगाम लगाने में नाकाम हैं, उन्हें उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए. सुनवाई के दौरान SC ने पुंजाब और हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाईं और तुरंत इस पर एक्शन लेना को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जिंदगी का अधिकार सबसे अधिक महत्वपूर्ण है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा लोग रोजाना मर रहे हैं, मरते रहेंगे, किसी सभ्य देश में ऐसा नहीं होता. लोगों को इस तरह मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. इसके लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं. आप लोगों ने सब चीजों का मजाक बना दिया. पराली जलाना रोकना होगा. राज्य सरकारों को चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी है. हम इसे सहन नहीं करेंगे. बता दें की दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण 'बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. राजधानी में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी लागू है.

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