नई दिल्ली: दिवाली (Diwali) से पहले दिल्ली (Delhi) के बाजारों में रौनक तो लौटी, लेकिन कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से बचाव के लिए बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आईं. दिल्ली के सदर बाजार में रविवार को लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ी, आलम यह था कि दिनभर पैर रखने की जगह कहीं नहीं थी. यह आलम देर शाम तक बना रहा. बड़ी संख्या में खरीदारी करने आए लोग न तो सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को लेकर इतने जागरूक नजर आए और न ही मास्क (Mask) लगाने को लेकर सतर्क दिखे. Corona Vaccine Update: कोरोना वायरस टीकों ने कितने लोगों की जान बचाई?
बाजार में नजर आए ज्यादातर लोग त्योहरों के मद्देनजर सामान खरीदने पहुंचे, जिनमें लाइटें मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहीं. हालांकि दिवाली से जुड़े सामान बेच रहे दुकानदारों के चहरे तो खिले, लेकिन उनको इस बात की दिक्कत थी कि जिस तरह लोग बाजार में दिवाली के लिए खरीदारी करने आए हैं, उसके मुकाबले उनके पास वेराइटी नहीं है, क्योंकि कोरोना के कारण पीछे से रॉ मटेरियल उन तक नहीं पहुंच सका है.
सदर बाजार में लाइट व अन्य सामान बेच रहे विपिन जैसवाल ने बताया, "कोरोना महामारी के बाद इस वर्ष इस तरह की भीड़ है और ग्राहक भी अच्छी संख्या में आए, लेकिन हमारे पास इन ग्राहकों को बेचने के लिए सामान और अलग वेराइटी नहीं है."
Delhi's Sadar Bazar witnesses a huge footfall of shoppers ahead of Diwali
"It is natural to have crowds in the markets during festivals but proper arrangement should be made by the administration which has not been done," a leader of the market association says pic.twitter.com/2y2WT4dOe4
— ANI (@ANI) October 31, 2021
"रविवार को बाजार लगता है, लेकिन आगामी दिनों में त्योहार की वजह से ग्राहकों के साथ-साथ दिल्ली के रिटेलर दुकानदार भी सामान खरीदने आ रहे हैं."
दरअसल, सदर बाजार में अमूमन हर दिन भीड़ रहती है, लेकिन दिवाली को देखते हुए रविवार के दिन आम दिनों के मुकाबले कई गुना ज्यादा बढ़ गईं. दिल्ली निवासी अंकित ने बताया, "हर वर्ष दिवाली को लेकर हम इस मार्केट में आते है, क्योंकि यहां सामान सस्ता और अलग-अलग वेराइटी का मिल जाता है. लोगों को नियम का पालन करना चाहिए, क्योंकि अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है."
वहीं, पुरानी दिल्ली निवासी ऋतु शर्मा ने बताया, "त्योहार का वक्त है और जब ज्यादा सामान खरीदना हो तो यहीं आना पड़ता है, क्योंकि जरूरत की सभी चीजें यहां मिल जाती हैं और इनके दाम भी अन्य बाजारों के मुकाबले कम होते हैं."
"हम कई वर्षो से इस बाजार में खरीदारी करने आते रहे हैं और हर बार हमें इतनी भीड़ मिलती है, क्योंकि पूरी दिल्ली के लोग यहां सामान खरीदने आते हैं."
सदर बजट मार्केट में करीब 40 हजार दुकानें हैं, वहीं पूरे बाजार में 63 मार्केट एसोसिएशन हैं. इसके अलावा अवैध रूप से पटरी डालकर बैठे सौदागरों की संख्या भी अनगिनत है. सदर बाजार में अवैध रूप से बैठे रेहड़ी-पटरी वाले राजस्थान, हरयाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश से यहां व्यापार करने आते हैं.
फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने बताया, "हम त्योहारों के समय अपनी दुकानों को बंद रखना नहीं चाहते. हमने भीड़ को लेकर प्रशासन से लगातार बातचीत की, सुझाव दिए. मगर लाखों की भीड़ पर काबू पाने के लिए सिर्फ गिने-चुने पुलिसकर्मी तैनात हैं."
उन्होंने कहा, "इसी भीड़ में लोगों की जेब कट रही है. हाल यह है कि लोगों को सामान खरीदकर निकलने में दिक्कत होती है. कोरोना महामारी जारी है, तब इतनी भीड़ है. धनतेरस के दिन तक बाजार में काफी भीड़ रहेगी."
उन्होंने आगे बताया, "इससे पहले करवाचौथ के दिन इतनी भीड़ देखी गई, उसके बाद आज इतनी भीड़ उमड़ी है. कोरोना के बाद अब जाकर कुछ व्यापार होने की उम्मीद जागी, लेकिन दुकानों के साथ-साथ सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी बाजार लग गया है."
भीड़ पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से हर कोशिश की जा रही है. वहीं पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है. साथ ही, उनके द्वारा कई अवैध रूप से सामान बेच रहे लोगों को हिदायत दी गई है और कइयों पर कार्रवाई भी हुई है. दिल्ली पुलिसकर्मी हाथों में माइक लेकर भीड़ और दुकानदारों को कोरोना नियमों का पालन करने को कहते भी नजर आए. भीड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा सिविल ड्रेस में कर्मियों को तैनात किया गया, ताकि जेब कतरों से लोगों का बचाव किया जा सके.