
Delhi Election Exit Polls 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को होने जा रहा है. सभी राजनीतिक दलों ने 3 फरवरी को अपना प्रचार अभियान समाप्त कर दिया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को वोटिंग होगी. मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होगा जो शाम के 6 बजे तक चलेगा. वोटिंग के बाद चुनावी दंगल का अगला बड़ा पड़ाव है एग्जिट पोल, जो मतदान के तुरंत बाद जारी किए जाएंगे. दिल्ली चुनाव में इस बार कौन बाजी मारेगा, हर किसी के मन में यही सवाल है. 5 फरवरी को वोटिंग के बाद अलग-अलग न्यूज चैनल्स और एजेंसी अपने एग्जिट पोल जारी करेंगी जिससे दिल्ली चुनाव में किसकी सरकार बनेगी इसकी अनुमान लगाया जाएगा.
इन एग्जिट पोल से अनुमान लगाया जा सकता है कि 8 फरवरी को आने वाले दिल्ली चुनाव के नतीजों में कौन बाजी मार सकता है. अब अगर आप सोच रहे कि ये एग्जिट पोल कब-कहां देखे जा सकते हैं तो हम आपको यहां इसकी पूरी जानकारी दे रहे हैं.
एग्जिट पोल क्या होते हैं और कितने सही होते हैं?
एग्जिट पोल वे सर्वेक्षण होते हैं, जो मतदान के तुरंत बाद मतदाताओं से उनकी राय लेकर किए जाते हैं. इनका उद्देश्य यह अनुमान लगाना होता है कि कौन सी पार्टी चुनाव जीत सकती है. हालांकि, एग्जिट पोल हमेशा सटीक नहीं होते. कई बार सैंपलिंग में त्रुटि, मतदाताओं की झिझक, और राजनीतिक रणनीतियों के कारण ये गलत साबित हो जाते हैं. फिर भी, चुनावी माहौल को समझने के लिए एग्जिट पोल को काफी अहम माना जाता है.
कब और कहां देख सकते हैं एग्जिट पोल
चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल प्रसारित करने पर सख्त नियम लागू किए हैं. EC के मुताबिक 5 फरवरी को सुबह 7:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल के प्रसारण पर प्रतिबंध रहेगा. यानी, 6:30 बजे के बाद न्यूज चैनलों और वेबसाइट्स पर एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जाएंगे.
एग्जिट पोल के नतीजे आप Aaj Tak, ABP News, Zee News, जैसे तमाम न्यूज चैनल्स पर देख सकते हैं. इसके अलावा आप यूट्यूब और सोशल मीडिया पर भी लाइव अपडेट्स देख सकते हैं. लेटेस्टली हिंदी की वेवसाइट पर भी आपको एग्जिट पोल के तमाम अपडेट्स मिलेंगे.
कितने भरोसेमंद होते हैं एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल सिर्फ एक अनुमान होते हैं. कई बार एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैंअसली नतीजे 8 फरवरी को वोटों की गिनती के बाद घोषित किए जाएंगे.
दिल्ली चुनाव में तगड़ा मुकाबला
दिल्ली में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. AAP जहां अपनी विकास योजनाओं के दम पर तीसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रही है, वहीं बीजेपी उसे हटाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. कांग्रेस भी अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन फिर से हासिल करने के लिए चुनावी मैदान में डटी हुई है. अब देखना होगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना अगला मुख्यमंत्री चुनती है.