अरविंद केजरीवाल के ऐलान के बाद दिल्ली में ऑटो- टैक्सी व ई-रिक्शा चालकों को 5-5 हजार रुपया मिलना शुरू, अब तक 23,000 लोगों के खाते में ट्रांसफर हुआ पैसा
दिल्ली ट्रासपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत के अनुसार हमारे पास 1,60,000 आवेदन आए है. आवेदन करने वाले लोगों का अकाउंट आधार से लिंक है या नहीं ये सारी प्रक्रिया की जांच डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम (DBT) से किए जाने के बाद आवेदक के खाते में पैसा ट्रासफर होता है. ऐसे में सरकार के पाए आए आवेदन में 23,000 लोगों के खाते में पैसा ट्रान्सफर कर दिया गया है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली में ऑटो रिक्शा, टैक्सी और ई-रिक्शा आदि चालकों को पांच-पांच हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने को लेकर ऐलान किया था. सरकार (Delhi Govt) के ऐलान के बाद दिल्ली में ऑटो रिक्शा और दूसरे अन्य वाहन से जुड़े चालकों को सरकार की तरफ से पांच-पांच हजार रुपये की वित्तीय सहायता मिलनी शुरू हो गई है. सरकार की तरफ से वाहन चालकों की मदद को लेकर यह ऐलान देश में पहली बार 21 दिनों के लिए घोषित लॉकडाउन के उस फैसले के बाद लिया गया था. जब देश में 14 अपैल के बाद लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर मोदी सरकार की तरफ से फैसला लिया जाने वाला था.
दिल्ली ट्रासपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत के अनुसार हमारे पास 1,60,000 आवेदन आए है. आवेदन करने वाले लोगों का अकाउंट आधार से लिंक है या नहीं ये सारी प्रक्रिया की जांच डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम (DBT) की तरफ से किए जाने के बाद पैसा ट्रासफर होता है. ऐसे में सरकार के पास आए आवेदन में 23,000 लोगों के खाते में पैसा ट्रान्सफर हो चुका है. वहीं 20,000 और आवेदनों की जांच की जा चुकी है. जिनके खाते में जल्द ही पैसा ट्रांसफर किया जाएगा. यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, ऑटो- टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों को पांच-पांच हजार रुपये देगी
इसी मुसीबत की घड़ी में पैसा पाने वाले ऑटो चालकों में राहुल कुमार नाम के चालक ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम के जरिए 5,000 रुपए की राशि मिली है. जिस पैसे के लिए उन्होंने 15 अप्रैल को आवेदन किया था. जो यह राशि 3 दिन पहले उनके खाते में आई है. इस मुसीबत की घड़ी में ये राशि बहुत मायने रखती थी.
बता दें कि इसके पहले दिल्ली सरकार ने शहर में 35,000 से अधिक निर्माण कामगारों को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता मुहैया करा चुकी है. जो इस मुसीबत की घड़ी में लोगों के लिए यह पैसा बहुत की मायना रखता है. क्योंकि देश में 24 मार्च से घोषित लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में ही बैठे हैं और उनके पास खाने के लिए एक भी पैसा बचा नहीं है.