नई दिल्ली, 23 नवंबर : दो दिनों तक राहत मिलने के बाद शनिवार को दिल्ली की हवा फिर से खराब होकर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई और एक्यूआई 400 पार कर गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह सात बजे तक राष्ट्रीय राजधानी में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 422 रहा.
दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न शहरों में भी एक्यूआई उच्च रहा. फरीदाबाद में 290, गुरुग्राम में 324, गाजियाबाद में 357, ग्रेटर नोएडा में 295 और नोएडा में 345 रहा. दिल्ली के नौ इलाकों में एक्यूआई का स्तर 300 से ऊपर और 400 के बीच रहा. आया नगर में यह 394, मथुरा रोड में 384, आईजीआई एयरपोर्ट में 397, दिलशाद गार्डन में 390, आईटीओ में 388, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 394, पूसा में 398 और श्री अरबिंदो मार्ग में 388 रहा. यह भी पढ़ें : Jharkhand Election Results 2024: झारखंड में हेमंत सोरेन की वापसी? चुनाव आयोग के रुझानों में INDIA ब्लॉक आगे
दिल्ली के 27 इलाकों में एक्यूआई का स्तर 400 से 500 के बीच रहा. अलीपुर में यह 452, आनंद विहार में 458, अशोक विहार में 457, बवाना में 458, बुराड़ी क्रॉसिंग में 422, चांदनी चौक में 440, डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में 420, डीटीयू में 419, द्वारका सेक्टर 8 में 432, जहांगीरपुरी में 463, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 418, मंदिर मार्ग में 418, मुंडका में 443, नजफगढ़ में 406, नरेला में 437, नेहरू नगर में 448, नॉर्थ कैंपस में 419, एनएसआईटी द्वारका में 401, ओखला सिस्टम में 420, पटपड़गंज में 426, पंजाबी बाग में 454, आरके पुरम में 430 रहा. रोहिणी में 439, शादीपुर में 406, सिरी फोर्ट में 406, विवेक विहार में 453, वजीरपुर में 467 दर्ज किया गया.
सीपीसीबी के अनुसार, 0-50 के बीच एक्यूआई अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच में खराब, 301-400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच गंभीर माना जाता है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए लागू प्रदूषण विरोधी उपायों का चौथा चरण यानी जीआरएपी-4 अगले 72 घंटों तक लागू रहेगा. कोर्ट ने कहा कि वह अगले सप्ताह इस बात पर विचार करेगा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान 4 (जीआरएपी 4) के तहत दिल्ली-एनसीआर में वर्तमान में लागू कुछ नियमों, खासकर स्कूलों से संबंधित नियमों में ढील दी जाए या नहीं.