आप विधायक जरनैल सिंह की सुखबीर सिंह बादल से अपील- DSGMC चीफ सिरसा पर गुरुद्वारे के पैसे गबन करने का आरोप, उन्हें तत्काल करें बर्खास्त

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर गुरुद्वारे में आए श्रद्धालुओं के पैसे का गबन करने का आरोप लगने पर अकाली दल पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए

आप विधायक जरनैल सिंह (Photo Credits: Agencies)

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर गुरुद्वारे में आए श्रद्धालुओं के पैसे का गबन करने का आरोप लगने पर अकाली दल पर निशाना साधा है. आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह (Jarnail Singh) ने कहा कि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 7 नवंबर को आए कोर्ट के आदेश से यह स्पश्ट है कि पिछले कुछ सालों में डीएजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने लाखों-करोड़ों रुपए का दुरुपयोग किया. उन्होंने लोगों से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव में समझादारी से मतदान का प्रयोग करके अच्छे व साफ चरित्र वाले व्यक्ति को ही वोट देने की अपील की.

वहीं, हरशरण सिंह बल्ली ने कहा कि मनजिंदर सिंह ने केस बंद कराने के लिए राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल कर क्लोजर रिपोर्ट लगवा दी थी, लेकिन हम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं कि कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को नहीं माना। मनजिंदर सिंह सिरसा ने त्रिपाल घोटाला भी किया है, कोर्ट में 19 नवंबर इसकी सुनवाई है. पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि शनिवार 7 नवम्बर 2020 को राउस एवेन्यू कोर्ट ने जो डीएसजीएमसी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा जी पर एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दिया है.यह सुनकर दिल बड़ा आहत है कि आज गुरुद्वारों में जो श्रद्धालु दान देते हैं, उसकी देखरेख के लिए जिन लोगों को जनता ने चुनकर जिम्मेदारी दी है, वह लोग आज उस दान के पैसों में भी भ्रष्टाचार करने लगे हैं. यह भी पढ़े: Delhi Pollution: प्रदुषण को लेकर सख्त दिल्ली सरकार, गोपाल राय बोले-पटाखे जलाने पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर एयर एक्ट के तहत एफआईआर होगी दर्ज

उन्होंने कहा कि जब एक श्रद्धालु गुरुद्वारे की गुल्लक में दान डालता है, तो वह इस सोच के साथ डालता है कि शायद मेरा पैसा किसी अच्छे कार्य में इस्तेमाल किया जाएगा। गुरुद्वारे के द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में, अस्पतालों में या लंगर में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। परंतु पिछले कुछ सालों से हम देख रहे हैं कि जो लोग गुरुद्वारे के दान की देखरेख के लिए जिम्मेदार पदों पर बैठे हैं, वहीं इस दान के पैसे में चोरी कर रहे हैं। यह बात राउस एवेन्यू कोर्ट के आदेश से सत्यापित हो जाती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश में साफ तौर पर यह बात लिखी हुई है कि पिछले कुछ सालों में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा लाखों-करोड़ों रुपए का दुरुपयोग किया गया है.

विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि जिन लोगों के परिवार जमीनों के कब्जे के केस में जेल जा चुके हैं, ऐसे लोगों से यदि हम गुरुद्वारे के दान की सुरक्षा कराने की उम्मीद करेंगे, तो नतीजे इसी प्रकार के आएंगे। साथ ही साथ, उन्होंने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए यह भी बताया कि इस आदेश में कई सारे बिलों का कोर्ट ने हवाला दिया है, जिसमें साफ तौर से लिखा हुआ है कि बहुत सारे बिल ऐसे हैं, जिसमें न तो कोई जीएसटी नंबर है, न कोई वेट नंबर है और इन लाखों रुपए के बिलों का भुगतान, कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा जी के द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि कई सालों से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी हमें मिल रही थी। परंतु खुशी की बात यह है कि उसके साक्ष्य अब जनता के सामने आ रहे हैं, कोर्ट ने इसमें संज्ञान लिया है और उम्मीद है कि जल्द ही भ्रष्चारियों के खिलाफ कार्यवाही भी शुरू हो जाएगी.

जरनैल सिंह ने कहा, कि सालों से हम गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव होते देखते आए हैं। परंतु यह बेहद ही शर्म की बात है कि पिछले कुछ सालों से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में भ्रष्ट लोग शराब बांटने और पैसे बांटने जैसे काम करने लगे थे। तीन बार दिल्ली की तिलक नगर विधानसभा से विधायक चुने जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमने बिना एक रुपए रिश्वत दिए और बिना शराब बांटे चुनाव लड़ा और हमारी ईमानदारी को देखते हुए दिल्ली की जनता ने हमें बार-बार चुना। सिख समुदाय के लोगों से अपील करते हुए जरनैल सिंह ने कहा कि जो लोग पैसे व शराब बांट कर लोगों से वोट देने की अपील करते हैं, वह लोग सेवा करने के भाव से नहीं, बल्कि घोटाले करने की मंशा से ही गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि फिर से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव होने वाले हैं। 2017 में चुनाव के दौरान जो वोट डली, उनको देखा जाए, तो बहुत ही कम वोटों के आधार पर चुनाव का नतीजा तय कर लिया गया। मेरी सभी सिख भाइयों से अपील है कि अपना वोट जरूर बनवाएं, वोट जरूर डालें और वोट देते वक्त इस बात को ध्यान में रखें कि वह अपना वोट किसी गलत व्यक्ति को तो नहीं दे रहे हैं। अच्छे और साफ चरित्र वाले व्यक्ति को ही वोट दें, ताकि साफ चरित्र के लोग आकर गुरुद्वारा सिख प्रबंधक कमेटी का प्रभार संभाले, ताकि जो जनसेवा का काम हमारे गुरुओं ने किया, वह ठीक प्रकार से हो सके, गुरुद्वारे के दान की ठीक प्रकार से सुरक्षा हो सके, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन चल रहे अस्पतालों में स्कूलों में ठीक प्रकार से कार्य का संचालन हो सके.

जरनैल सिंह ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी मनजिंदर सिंह सिरसा पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं.मीडिया के माध्यम से उन्होंने अकाली दल के सर्वे सर्वा सुखबीर सिंह बादल जी से अपील करते हुए कहा कि यदि जरा सी भी श्रद्धा उनके मन में है, तो तुरंत प्रभाव से मनजिंदर सिंह सिरसा को तमाम पदों से बर्खास्त किया जाए और पार्टी से निकाल कर बाहर किया जा. हालांकि मुझे इस बात की उनसे कोई उम्मीद नहीं है कि वह ऐसा कोई कदम उठाएंगे.परंतु फिर भी एक सिख होने के नाते मैं उनसे अपील करता हूं कि यदि गुरुओं के प्रति जरा सी भी श्रद्धा उनके मन में बची है, तो तुरंत प्रभाव से मनजिंदर सिंह सिरसा पर कार्यवाही करें.

प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के नेता हरशरण सिंह बल्ली जी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस मुकदमे का जिक्र अभी जरनैल सिंह जी ने किया, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस मुकदमे के संबंध में मनजिंदर सिंह सिरसा जी ने अपनी राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल करते हुए क्लोजर रिपोर्ट बनवा दी थी। परंतु हम कोर्ट का धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने उस क्लोजर रिपोर्ट को न मानते हुए एफआईआर देखने का आदेश जारी किया और उसका नतीजा यह हुआ कि आज मनजिंदर सिंह सिरसा जी पर गुरुद्वारे में किए गए घोटाले को लेकर कोर्ट ने एफआईआर करने के आदेश दिए हैं.

उन्होंने मनजिंदर सिंह सिरसा जी द्वारा किए गए घोटालों में से कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि मनजिंदर सिंह सिरसा जी ने लोगों द्वारा दिए गए दान के पैसे से 79000 रुपए के 3 चश्मे खरीदें, यही नही, अपने किसी प्रिय व्यक्ति के व्यक्तिगत प्रोग्राम में गुरुद्वारे के चंदे का लाखों रुपए का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि इस से भी ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि यह बिल, बिल बुक पर बना हुआ कोई पक्का बिल नहीं है, बल्कि एक कच्चा बिल है, जिस पर न किसी प्रकार का जीएसटी नंबर है, न ही कोई वेट नंबर है, और ना ही किसी मालिक के हस्ताक्षर इस बिल पर हैं. एक अन्य घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन घोटालों से भी बड़ा एक और घोटाला त्रिपाल घोटाला मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा किया गया है, जिसकी सुनवाई आने वाली 19 तारीख को कोर्ट में है। उन्होंने कहा कि 19 तारीख को इस मुकदमे का फैसला आना है और मुझे पूरी उम्मीद है कि इस भ्रष्टाचार में कोई भी व्यक्ति मनजिंदर सिंह सिरसा को सजा होने से नहीं बचा सकता.

हैरानी जताते हुए हरशरण सिंह बल्ली जी ने कहा कि बड़े ही शर्म की बात है कि जो श्रद्धालु एक-एक पैसा जमा करके गुरुद्वारे की गुल्लक में दान देते हैं, उस दान के पैसे में ऐसे लोग घोटाला करते हैं, जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है.  मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा चुनाव के समय भरे गए पर्चे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस पर्चे में उन्होंने साफ तौर पर लिखा था कि उनकी और उनकी धर्मपत्नी की संपत्ति मिलाकर लगभग 200 करोड़ की संपत्ति के वह मालिक हैं। उन्होंने कहा कि इतना पैसा होने के बावजूद भी यदि कोई श्रद्धालुओं के पैसे में भ्रष्टाचार करता है, तो इससे बड़ी शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती. हरशरण सिंह बल्ली ने कहा कि मैं सीएम अरविंद केजरीवाल जी का धन्यवाद देता हूँ, जो उन्होंने इलेक्शन कमेटी का गठन किया और मैं जनरल सिंह जी का धन्यवाद देता हूं, जो इलेक्शन करवा रहे हैं, नहीं तो यह भ्रष्ट लोग तो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इलेक्शन भी नहीं होने देना चाहते.

उन्होंने बताया कि इस इलेक्शन प्रक्रिया को रुकवाने के संबंध में भी इन भ्रष्ट लोगों ने दो बार कोर्ट में स्टे लगाने के लिए आवेदन किया, परंतु कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार दिल्ली में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इलेक्शन हों और बिल्कुल निष्पक्ष इलेक्शन हों और बिना किसी डर के साफ चरित्र वाले लोग चुनकर प्रबंधक कमेटी में आए। ताकि श्रद्धालुओं का जो पैसा है, उसका सही उपयोग हो सके, गुरुद्वारे की गुल्लक से पैसे की चोरी न हो सके और जो कर्मचारी गुरुद्वारे में काम कर रहे हैं, उन सभी का वेतन समय पर उनको दिया जा सके.

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