नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में हवा के निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ (Cyclone Jawad) में तब्दील हो गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात के शनिवार सुबह उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट के पास पश्चिमी-मध्य बंगाल की खाड़ी पहुंचने की संभावना है. इसके बाद यह ओडिशा और निकटवर्ती आंध्र प्रदेश के तट के पास उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ेगा और पांच दिसंबर को दोपहर तक पुरी के आसपास के तट पर पहुंचेगा. पुरी में दस्तक दे सकता है चक्रवात जवाद: अधिकारी
चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ से सबसे ज्यादा ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के प्रभावित होने की संभावना है. इसके प्रभाव से उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिणी तटीय ओडिशा में शुक्रवार शाम तक बहुत भारी वर्षा शुरू होने की संभावना है तथा शनिवार को बारिश की तीव्रता बढ़ने के आसार हैं. वहीं, आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों में शनिवार के लिए चेतावनी जारी की गई है. ओडिशा के गजपति, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर जिलों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है.
आईएमडी के अनुसार, अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र 30 नवंबर को बना था. मौसम विभाग ने बताया कि यह दो दिसंबर को अवदाब में और शुक्रवार सुबह एक गहरे अवदाब में बदल गया. इसके बाद आज दोपहर यह चक्रवात ‘जवाद' में तब्दील हो गया. चक्रवात का नाम 'जवाद' सऊदी अरब ने प्रस्तावित किया है.
Cyclone Jawad Live Tracker Map and Cyclone Path on Windy:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात जवाद से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गुरुवार को ही राज्यों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
केंद्रीय गृह मंत्रालय चौबीसों घंटे स्थिति की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है. चक्रवात ‘जवाद’ से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 64 दलों को काम में लगाया है. संवेदनशील इलाकों में 46 दल तैनात किए गए हैं, जबकि 18 दलों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. 46 दलों में से पश्चिम बंगाल में 19, ओडिशा में 17, आंध्र प्रदेश में 19 , तमिलनाडु में सात और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में दो तैनात किए गए हैं. सभी दल नावों, पेड़ काटने की मशीन, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं.
भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज तथा हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. वायु सेना तथा थल सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां, नावों और बचाव उपकरणों के साथ तैनाती के लिए तैयार हैं. निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं.
विद्युत मंत्रालय ने आपातकालीन प्रत्युत्तर प्रणाली को सक्रिय कर दिया है और बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट तथा उपकरण आदि तैयार रखे हैं. संचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टावरों और एक्सचेंजों पर लगातार नजर रख रहा है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.