Cryptocurrency In India: केंद्र सरकार ने 'Irresponsible क्रिप्टो विज्ञापनों को ब्लॉक करने का बनाया लक्ष्य
भारत सरकार का लक्ष्य ऐसे विज्ञापनों को प्रतिबंधित करना है, जो मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ रहे हैं और आईपीएल 2020 और आईसीसी मेन टी20 विश्व कप क्रिकेट मैचों के दौरान खूब देखे गए हैं. शनिवार की देर रात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और क्रिप्टो उद्योग के खिलाड़ियों की बैठक की गर्मियों की रूपरेखा में एक ज्ञापन में, सरकार ने स्पष्ट रूप से ऐसे तेजी से बढ़ते विज्ञापनों पर अपनी नाराजगी दिखाई है जो ज्यादा मुनाफे का वादा करते हैं..
नई दिल्ली, 14 नवंबर: भारत सरकार का लक्ष्य ऐसे विज्ञापनों को प्रतिबंधित करना है, जो मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ रहे हैं और आईपीएल 2020 और आईसीसी मेन टी20 विश्व कप क्रिकेट मैचों के दौरान खूब देखे गए हैं. शनिवार की देर रात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और क्रिप्टो उद्योग के खिलाड़ियों की बैठक की गर्मियों की रूपरेखा में एक ज्ञापन में, सरकार ने स्पष्ट रूप से ऐसे तेजी से बढ़ते विज्ञापनों पर अपनी नाराजगी दिखाई है जो ज्यादा मुनाफे का वादा करते हैं. यह भी पढ़ें: Cryptocurrency: मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग का सहारा बन रही अवैध क्रिप्टोकरेंसी पर कसेगा शिकंजा, जल्द एक्शन लेगी सरकार
क्रिप्टो हितधारक (Stakeholders) और सरकार आम सहमति पर पहुंच गए हैं कि इस तरह के विज्ञापन युवाओं को गुमराह कर रहे हैं और इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए. विज्ञापन के अनुसार, "सरकार इस तथ्य से अवगत है कि [ब्लॉकचैन] एक विकसित तकनीक है, इसलिए सरकार कड़ी निगरानी रखेगी और सक्रिय कदम उठाएगी." CoinSwitch Kuber, CoinDCX और WazirX जैसे क्रिप्टो प्लेयर्स ने हाल ही में प्लेटफार्मों पर विज्ञापन लॉन्च किए, पहली बार निवेशकों को पहले खुद को शिक्षित करने के साथ-साथ अपने क्रिप्टो निवेश पर बड़े रिटर्न का दावा किया.
इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) का एक हिस्सा, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) और कॉइनस्विच कुबेर, कॉइनडीसीएक्स, वज़ीरएक्स और ज़ेबपे जैसे इंडस्ट्री प्लेयर द्वारा हाल ही में एक विज्ञापन में दावा किया गया है कि करोड़ों भारतीयों ने क्रिप्टो एसेट में 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. भारतीय क्रिप्टो खिलाड़ी प्लेटफार्मों पर विज्ञापनों के साथ लोगों पर बमबारी कर रहे हैं. उनके मार्केटिंग खर्च उनके दाम को दोगुना कर रहे हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक कानूनी निविदा (Legal Tender) के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है और देश में कानूनी ढांचे और नियामक मानदंडों की कमी है.
मामला फिलहाल वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास है. कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, शीतकालीन सत्र में एक क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल की उम्मीद है और जब तक पूरी तस्वीर साफ नहीं हो जाती, तब तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना एक खतरनाक कदम हो सकता है. "क्रिप्टोकरेंसी एक अनियमित डिजिटल मुद्रा है, कानूनी निविदा नहीं है और बाजार के जोखिमों के अधीन है," विज्ञापनों के अंत में एक पतली रेखा होती है, जो कई लोगों को दिखाई नहीं देती है, जिसमें इनके टर्म्स एंड कंडीशन लिखे होते हैं और लोग इन्हें बिना पढ़े विभिन्न क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से निवेश करना शुरू कर देते हैं.