लॉकडाउन के दौरान प्रतिबंधों में ढील दिए जाने पर, इन 5 राज्यों में बढ़े कोरोना वायरस मामले: स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एकांतवास केंद्रों पर मोबाइल चिकित्सा इकाई (एमएमयू) तैनात करने की सलाह दी. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अस्थायी उप-स्वास्थ्य केंद्रों को मौजूदा भवनों में स्थापित किया जा सकता है और अतिरिक्त अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कर्मचारी जैसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीमों का उपयोग किया जा सकता है. मंत्रालय ने यह भी सलाह दी कि आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के साथ लिंक स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि तत्काल स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की जा सके और इन केंद्रों से टेली-मेडिसिन सेवाओं को चालू किया जा सके.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पिछले तीन सप्ताह से कोविड-19 मामलों में उछाल देखने को मिला है, क्योंकि राष्ट्रव्यापी बंद के प्रतिबंधों में ढील दी गई है और प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में आवागमन को अनुमति दी गई है. स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ मंगलवार को इन पांच राज्यों के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक समीक्षा बैठक की.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एकांतवास केंद्रों पर मोबाइल चिकित्सा इकाई (एमएमयू) तैनात करने की सलाह दी. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अस्थायी उप-स्वास्थ्य केंद्रों को मौजूदा भवनों में स्थापित किया जा सकता है और अतिरिक्त अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कर्मचारी जैसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीमों का उपयोग किया जा सकता है. मंत्रालय ने यह भी सलाह दी कि आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के साथ लिंक स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि तत्काल स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की जा सके और इन केंद्रों से टेली-मेडिसिन सेवाओं को चालू किया जा सके.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि आने वाले प्रवासी कामगारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आशा वर्कर और एएनएम को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा सकता है. गर्भवती महिलाओं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है. वहीं जिलों में आंगनवाड़ी वर्करों को जुटाने की सलाह भी दी गई है. मंत्रालय ने यह भी जोर देकर कहा कि टीबी, कुष्ठ रोग, सीओपीडी और उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए तत्काल उपाय किए जाने की आवश्यकता है.