COVID-19 Vaccine केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 25 जून तक देशभर में 31 करोड़ टीके लगाए गए
केंद्र ने एक ताजा हलफनामे में शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि 25 जून तक देशभर में लोगों को वैक्सीन की 31 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है. हलफनामे के अनुसार, ब्रेक-अप में स्वास्थ्य कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) को दी गईं 1,73,35,543 खुराक शामिल हैं.
नई दिल्ली, 27 जून : केंद्र ने एक ताजा हलफनामे में शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को सूचित किया कि 25 जून तक देशभर में लोगों को वैक्सीन की 31 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है. हलफनामे के अनुसार, ब्रेक-अप में स्वास्थ्य कर्मियों (HCW) को दी गईं 1,73,35,543 खुराक शामिल हैं. फ्रंटलाइन वर्कर्स को 2,66,36,432 खुराक, 45 से 59 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को 9,93,05,811 खुराक, 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को 8,96,03,216 खुराक और 18 से 44 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को 7,84,37,353 खुराक.
380 पेज के अतिरिक्त हलफनामे में केंद्र ने कहा कि 45 साल से ऊपर के लोगों की प्राथमिकता वाली आबादी के 44.2 फीसदी और 18-44 साल के 13 फीसदी आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है. इसके अलावा, कुल 27.3 प्रतिशत योग्य आबादी (18 वर्ष और उससे अधिक) को कोविड-19 वैक्सीन की एक खुराक मिली है, यह कहा. केंद्र के अनुसार, अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 तक कोविड वैक्सीन खुराक की अनुमानित उपलब्धता इस प्रकार है. कोविशील्ड 50 करोड़, कोवैक्सीन 40 करोड़, बायो ई सब यूनिट वैक्सीन 30 करोड़, जायडस कैडिला डीएनए वैक्सीन 5 करोड़, स्पुतनिक वी 10 करोड़. यह भी पढ़ें : COVID-19 Third-Wave: डेल्टा प्लस वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, महाराष्ट्र में बढ़ रहा तीसरी लहर की दस्तक का खतरा
केंद्र ने हलफनामे में कहा, साल के अंत तक सभी स्रोतों से कुल 135 करोड़ टीके उपलब्ध होंगे. केंद्र ने शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि 1 मई को नई उदार मूल्य निर्धारण और त्वरित राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण रणनीति शुरू करने से पहले, 16 जनवरी से देश में कुल 15,49,89,635 (15.49 करोड़) कोविड वैक्सीन खुराक प्रशासित की गई थी. केंद्र की ओर से जवाब शीर्ष अदालत द्वारा कोविड प्रबंधन पर सुनवाई के दौरान एक स्वत: संज्ञान मामले में आया, जहां जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, एल. नागेश्वर राव और रवींद्र भट ने सरकार की टीकाकरण नीति की आलोचना करते हुए इसे मनमाना बताया था. शीर्ष अदालत ने केंद्र से उसके समक्ष अपनी वैक्सीन नीति का विवरण प्रस्तुत करने को कहा था.