कोविड-19 प्रकोप के दौरान सरकारी अस्पतालों पर लोगों का भरोसा बढ़ा: आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण

कोरोनावायरस प्रकोप के बीच, लोगों का सरकारी अस्पतालों पर भरोसा तेजी से बढ़ा है. आईएएनएस-सी वोटर के सर्वेक्षण से रविवार को यह जानकारी मिली.

कोरोना वायरस | (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: कोरोनावायरस प्रकोप के बीच, लोगों का सरकारी अस्पतालों पर भरोसा तेजी से बढ़ा है.  आईएएनएस-सी वोटर के सर्वेक्षण से रविवार को यह जानकारी मिली. देशभर में किए गए सर्वेक्षण में, 2018 में बमुश्किल 37.6 प्रतिशत लोगों का सरकारी अस्पतालों में 'बहुत ज्यादा भरोसा' था, बल्कि इस वर्ष यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा और 52.8 प्रतिशत लोग सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करने लगे हैं. सर्वे के मुताबिक, इसी तरह से, लोगों का निजी अस्पतालों में भी थोड़ा विश्वास बढ़ा है. 2018 में, इलाज के लिए 34.1 प्रतिशत लोग निजी अस्पतालों पर भरोसा करते थे, लेकिन अब यह प्रतिशत 38.2 है.

हो सकता है कि अस्पताल पर विश्वास करने में यह बदलाव कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की वजह से आए हैं. इसके विपरीत, इन संस्थानों में विश्वास की कमी दिखाने वाले भारतीयों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से कमी आई है. यह भी पढ़े: एनडीएमसी संचालित अस्पतालों में छह डॉक्टरों समेत नौ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए

2018 में, 1.6 और 41.3 प्रतिशत लोग क्रमश: सरकारी और निजी अस्पताल में भरोसा नहीं किया करते थे। अब यह प्रतिशत घटकर क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 20.6 प्रतिशत हो गया है. यह परिवर्तन सभी भौगोलिक, आय और शिक्षा के स्तर के साथ-साथ और जातीय पहचानों में दिखाई देता है।

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