COVID-19: कोविड-19 संक्रमण से नहीं बिगढ़ते मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण; शोध
एक शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 संक्रमण से मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) से पीड़ित लोगों में लक्षण नहीं बिगड़ते हैं. यानी कोविड-19 संक्रमण इस गंभीर बीमारी के लक्षणों को नहीं बढ़ाता है.
नई दिल्ली, 24 दिसंबर : एक शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 संक्रमण से मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) से पीड़ित लोगों में लक्षण नहीं बिगड़ते हैं. यानी कोविड-19 संक्रमण इस गंभीर बीमारी के लक्षणों को नहीं बढ़ाता है. मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) को प्रभावित करती है और शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर ऑटोइम्यून हमले के कारण होती है. डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष की औसत आयु वाले 2,132 वयस्कों पर यह शोध किया. 18 महीने तक उनकी निगरानी की गई.
वैसे संक्रमणों को एमएस वाले लोगों में और खराब माना जाता है जिससे उनमें शारीरिक अक्षमता भी आ सकती है. न्यूरोलॉजी जर्नल के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित परिणामों से पता चला है कि विशेष रूप से कोविड-19 संक्रमणों के लिए यह सच नहीं था. यह उन एमएस रोगियों के लिए राहत भरी खबर है जिनको कोविड-19 संक्रमण हुआ था. विश्वविद्यालय से और अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के सदस्य एम्बर साल्टर ने कहा, "यह एमएस वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है, कि उन्हें कोविड-19 संक्रमण के बाद अपने एमएस लक्षणों के दीर्घकालिक बिगड़ने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.'' यह भी पढ़ें : सामाजिक न्याय मंत्रालय के 2025 में भारत को मैला ढोने की प्रथा से मुक्त करने पर ध्यान केंद्रित रहेगा
शोध में कुल 796 लोगों ने कोविड संक्रमण होने की सूचना दी, और 1,336 लोगों ने कभी कोविड नहीं होने की सूचना दी. शोध के दौरान प्रतिभागियों ने अपने एमएस लक्षणों की गंभीरता की भी सूचना दी और उनसे चलने, हाथ के कार्य, शारीरिक दर्द, थकान, स्मृति और सोच के बारे में पूछा गया. प्रतिभागियों ने अपनी विकलांगता के स्तर की भी सूचना दी, जो इस बात पर आधारित थी कि उनकी स्थिति चलने या खड़े होने जैसी दैनिक गतिविधियों को कैसे प्रभावित करती है.
निष्कर्षों से पता चला कि कोविड वाले और बिना कोविड वाले लोगों के लिए, एमएस लक्षण की गंभीरता नाममात्र 0.02 प्रतिशत प्रति माह बढ़ी. कोविड वाले और बिना कोविड वाले लोगों के बीच एमएस लक्षण की गंभीरता में कोई अंतर नहीं पाया गया. साल्टर ने कहा, "हमारा अध्ययन यह संकेत देता है कि कोविड-19 संक्रमण लक्षण की गंभीरता या अक्षमता में तत्काल परिवर्तन से जुड़ा नहीं था और न ही इसने संक्रमण के डेढ़ साल से अधिक समय तक एमएस के लक्षणों को बदला." हालांकि, उन्होंने कहा कि युवा लोगों के लिए परिणाम भिन्न हो सकते हैं.