COVID-19 Spike: प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन का खौफ, मुंबई से घर लौटने लगे श्रमिक
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने के बाद लॉकडाउन की आशंका से प्रवासी मजदूर खौफ में हैं. लॉकडाउन की आशंका होते ही प्रवासी मजदूरों अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं. मुंबई के स्टेशनों पर मजदूरों की संख्या बढ़ने लगी है.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (COVID-19) के मामलों में आई तेजी को देखते हुए उद्धव ठाकरे सरकार ने नए और सख्त नियम लागू करने के आदेश दिए हैं. सभी नए निर्देश सोमवार 5 अप्रैल शाम 8 बजे से लागू हो जाएंगे. महाराष्ट्र में रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा, वहीं दिन भर धारा 144 लागू रहेगी. इस दौरान एक जगह पर 5 लोगों से अधिक लोग नहीं इकठ्ठा हो सकेंगे. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने के बाद लॉकडाउन की आशंका से प्रवासी मजदूर (Migrant Workers) खौफ में हैं. लॉकडाउन की आशंका होते ही प्रवासी मजदूरों अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं. मुंबई के स्टेशनों पर मजदूरों की संख्या बढ़ने लगी है. IPL 2021 Update: महाराष्ट्र में लॉकडाउन के बाद जानें क्या होगा मुंबई में होने वाले IPL मुकाबलों का.
वीकेंड पर लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही रेलवे स्टेशनों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) कुर्ला में, जहां से उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए ट्रेनें जाती हैं, वहां पिछले दो दिनों में यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई थी. LTT में तैनात रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के एक गार्ड ने कहा कि वे पिछले दो दिनों से यात्रियों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं.
चिंता में प्रवासी श्रमिक:
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए एक प्रवासी श्रमिक ने कहा कि हमें डर है कि फिर लॉकडाउन लगेगा. उन्होंने कहा, हमारे परिजन चिंतित हैं. हमारी आय भी प्रभावित हुई है, इसीलिए हम लौट रहे हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना के मामले रिकॉर्डतोड़ रफ्तार से बढ़ रहे हैं. मुंबई, पुणे और नागपुर सहित कई जिलों में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता दिख रहा है. इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे लगातार लॉकडाउन के संकेत दे रहे हैं.
बता दें कि पिछले साल कोरोना के शुरुआती दौर में प्रवासी मजदूरों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था. वे अपना काम खो चुके थे और मजदूरी न मिल पाने के लाखों प्रवासी श्रमिक पैदल ही अपने गृह राज्यों को लौट रहे थे. कोरोना की स्थिति ठीक होने के बाद मजदूर फिर से काम पर वापस लौटे थे.