COVID-19 Spike: कोरोना की स्थिति को लेकर सरकार ने चेताया, कहा- घर पर भी मास्क लगाकर रहने का समय आ गया
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण देशभर में बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनकर रहना चाहिए और मेहमानों को अपने घरों में आमंत्रित नहीं करना चाहिए.
नई दिल्ली, 26 अप्रैल: देश में कोरोना संक्रमण (COVID-19) के मामले लगातार रिकॉर्डतोड़ रफ्तार से बढ़ रहे हैं और दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है. दिल्ली, मुंबई, नोएडा सहित सभी जगह कोरोना के एक जैसे हालात हैं. अस्पतालों में बेड की कमी है, ऑक्सीजन की किल्लत हो रही हैं. लगभग सभी जगह लोगों को बेड ऑक्सीजन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. राजधानी दिल्ली में स्थिति और भयावह है. यहां बड़े-बड़े अस्पतालों द्वारा भी लगातार बताया जा रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन, ICU बेड और वेंटिलेटर नहीं हैं. अब COVID रिपोर्ट के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, ICMR ने ड्राई स्वैब RT-PCR को दी हरी झंडी.
इस बीच केंद्र सरकार ने कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनकर रहना चाहिए और मेहमानों को अपने घरों में आमंत्रित नहीं करना चाहिए. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उसे मास्क पहनना ही चाहिए, ताकि घर के अन्य लोग उसके कारण संक्रमित न हों.
घर पर भी पहनें मास्क
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा, ‘‘मैं तो यह कहूंगा कि अब समय आ गया है कि हम सामान्य तौर पर भी घर के भीतर मास्क पहनना शुरू करें. हम घर के बाहर मास्क लगाने के बारे में बात करते थे, लेकिन संक्रमण जिस तरह फैल रहा है, उसे देखते हुए यदि हम घर के भीतर किसी के भी पास बैठे हैं, तो भी हम मास्क पहनें.’’
पॉल ने कहा, ‘‘यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उस व्यक्ति को और घर में रह रहे अन्य लोगों को भी मास्क लगाना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखा जाना चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि यदि घर में इस प्रकार की सुविधा नहीं है, तो लोगों को पृथक-वास केंद्रों में जाना चाहिए.
अस्पताल में भर्ती होना एकमात्र विकल्प नहीं
पॉल ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होना ही एकमात्र विकल्प नहीं है और ‘‘अस्पताल के बिस्तर जरूरतमंद लोगों के लिए होते हैं’’. एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अस्पताल की सुविधाओं के इष्टतम उपयोग के लिए सामुदायिक भागीदारी अहम है और लोगों में अनावश्यक घबराहट के कारण लाभ के बजाए नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि सामान्य ऑक्सीजन स्तर और मामूली लक्षण वाले लोग भी अस्पतालों में भर्ती होना चाहते हैं, जिसके कारण वास्तव में जरूरतमंद मरीजों को अस्पतालों के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है और उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पा रहा.
24 घंटों में कोरोना के 3,52,991 नए केस
देश में पिछले 24 घंटे में COVID-19 के 3,52,991 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई. देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 28 लाख को पार कर गई है. वहीं 2,812 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,95,123 हो गई है.