Covid 19 New Variant JN.1: उत्तराखंड सरकार ने कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर एडवाइजरी जारी की
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देहरादून,19 दिसंबर : देश में कोरोना के नए सब-वेरिएंट को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. कोरोना के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 (बीए.2.86.1.1) के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड सरकार भी अलर्ट हो गई है. उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए एडवाइजरी और कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों में जेएन-1 सब-वेरिएंट के रोगियों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों और अस्पतालों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कोरोना की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा गया है. स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि अस्पतालों में कोविड से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करें. साथ ही सांस, हृदय रोगियों, और फेफड़े की बीमारी से ग्रसित रोगियों की निगरानी की जाए. उनके इन्फ्लूएंजा की जांच की जाए. अस्पतालों से ऐसे मरीजों की सभी जानकारी इंटीग्रेटिड हेल्थ इंफोरमेशन प्लेटफार्म पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. यह भी पढ़ें : JN.1 Corona Virus Strain: WHO ने दीया बड़ा अपडेट, जेएन.1 कोरोना वायरस स्ट्रेन को “रुचि के प्रकार” के रूप में किया वर्गीकृत

हालांकि प्रदेश में अब तक कोविड-19 के नए सब-वेरिएंट जेएन-1 का कोई मरीज नहीं है. प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है. स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव ने पत्र के जरिए अवगत कराया है कि विगत कुछ दिनों में कुछ राज्यों में कोविड-19 के रोगियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है.

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी दिशा-निर्देश : • ऑपरेशनल गाइडलाइन्स फॉर रिविसेड सर्विलांस स्ट्रेटेजी इन कॉन्टेक्स्ट ऑफ कोविड-19" का अनुपालन किया जाए. • जिला स्तर पर इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस(आईएलआई )/सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (एसएआरआई) रोगियों की निगरानी की जाए. • पर्याप्त संख्या में आईएलआई/एसएआरआई रोगियों की कोविड-19 एवं इन्फ्लुएंजा जांच की जाएं. • साथ ही रोगियों की जानकारी इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफार्म (आईएचआईपी) पोर्टल में अपलोड की जाए. कोविड-19 प्रबंधन के लिए चिकित्सालय स्तर पर समस्त तैयारियां दुरुस्त रखी जाए. • आम जनमानस में श्वसन स्वच्छता के प्रति जागरूकता करने के लिए तमाम माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. • आईएलआई/एसएआरआई के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श पर ही दवाइयों का सेवन करें.