बदला है देश का नजरिया, खेलों को मिलने लगी है सामाजिक प्रतिष्ठा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
पीएम मोदी (Photo Credits PTI)

बस्ती, 18 जनवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को शहीद सत्यवान सिंह स्टेडियम (Shaheed Satyawan Singh Stadium)में आयोजित सांसद खेल महाकुंभ 2022-23 का वर्चुअल माध्यम से जुड़कर उद्घाटन किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी खेल-कूद को केवल टाइम पास का साधन माना जाता था, मगर आज इसे लेकर देश का नजरिया बदल गया है.

सांसद खेल महाकुंभ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब ज्यादा बच्चे और नौजवान स्पोर्ट्स को करियर के रूप में देखने लगे हैं. माता पिता भी खेलों को गंभीरता से लेने लगे हैं. खेलों को अब एक सामाजिक प्रतिष्ठा मिलने लगी है. लोगों की सोच में आये इस बदलाव का सीधा लाभ खेल के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर दिख रहा है. कहा कि ये खेल महाकुंभ खिलाड़ियों को नई उड़ान का अवसर देंगे. भारत के तकरीबन दो सौ सांसद अपने यहां ऐसे खेल महाकुंभ का आयोजन कर रहे हैं. खेल स्पर्धा करा के सभी सांसद नई पीढ़ी का भविष्य गढ़ने का काम कर रहे हैं. सांसद खेल महाकुंभ में अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ट्रेनिंग सेंटर में आगे की ट्रेनिंग के लिए चुना जा रहा है. यह भी पढ़ें : राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी की नसीहत- अति आत्मविश्वास से बचें और एकजुट होकर करें काम

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी मुझे खो-खो देखने का अवसर मिला. हमारी बेटियां जिस चतुराई और टीम स्पिरिट के साथ खेल रही थी, उसे देखकर वास्तव में बहुत आनंद आया. मैं सभी बेटियों को बधाई देता हूं. सांसद खेल महाकुंभ में हमारी बेटियां हिस्सा ले रही हैं. मुझे विश्वास है बस्ती, पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश की बेटियां राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में अपना दमखम दिखाती रहेंगीं. हाल ही में विमेन अंडर-19 टी-20 वल्र्ड कप में हमारे देश की कप्तान शेफाली वर्मा ने कितना शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने 5 गेंदों में पांच चौके मारे और आखिरी गेंद पर छक्का मारकर एक ही ओवर में 26 रन बना दिये. ऐसा टैलेंट देश के कोने-कोने में है. ऐसे टैलेंट को तलाशने और तराशने में सांसद खेल महाकुंभ की बड़ी भूमिका है.

पीएम ने कहा कि कभी खेलों को पढ़ाई से अलग केवल टाइम पास का जरिया माना जाता था. इससे पीढ़ी दर पीढ़ी बच्चों के दिमाग में ये बात घर कर गयी कि स्पोर्ट्स जरूरी नहीं है, इससे देश का बहुत नुकसान हुआ है. कितने ही सामथ्र्यवान युवा और प्रतिभाएं मैदान से दूर रह गये. बीते 8 साल में इस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर खेलों के लिए बेहतर वातावरण बनाने का कार्य किया गया है. अब ज्यादा बच्चे और नौजवान स्पोर्ट्स को करियर के रूप में देखने लगे हैं. माता पिता भी खेलों को गंभीरता से लेने लगे हैं. खेलों को अब सामाजिक प्रतिष्ठा मिलने लगी है. लोगों की सोच में आये इस बदलाव का सीधा लाभ खेल के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर दिख रहा है. भारत लगातार नये रिकॉर्ड बना रहा है. हमने ओलम्पिक में अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. पैरालम्पिक और अलग अलग टूनार्मेंट में भारत का प्रदर्शन अब चर्चा का विषय बन रहा है. ये तो अभी शुरूआत है. अभी हमें और लंबी यात्रा करनी है. नये लक्ष्यों को प्राप्त करना है, नये रिकॉर्ड बनाने हैं. स्पोर्ट्स एक स्किल और स्वभाव है. टैलेंट है और संकल्प भी है. ट्रेनिंग का अपना महत्व है और साथ ही ये भी आवश्यक है कि स्पोर्ट्स प्रतियोगिताएं हमेशा चलते रहने चाहिए.

प्रधानमंत्री ने बताया कि खेलों के लिए पर्याप्त संसाधन, ट्रेनिंग, नॉलेज, इंटरनेशनल एक्सपोजर और चयन में पारदर्शिता रखी जा रही है. खेलों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्च र तैयार किये जा रहे हैं, स्टेडियम बनाये जा रहे हैं. देशभर में 1000 से ज्यादा खेलो इंडिया डिस्ट्रिक्ट सेंटर बनाये जा रहे हैं, इनमें से 750 से ज्यादा सेंटर तैयार हो गये हैं. सभी प्ले फील्ड की जीओ टैगिंग की जा रही है. मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवसिर्टी तैयार की जा रही है. इसके अलावा यूपी के अनेक जिलों में स्पोर्ट्स हॉस्टल भी संचालित किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं को अब स्थानीय स्तर पर पहुंचाया जा रहा है. अब आपको जीत का झंडा लहराना है और देश का नाम रोशन करना है. हर खिलाड़ी जानता है कि उसके लिए फिट रहना कितना जरूरी है. फिटनेस पर ध्यान देने के लिए आप सब एक काम जरूर करें. योग को अपने जीवन में शामिल करें.