कोरोना संकट के बीच डीआरडीओ ने तैयार किया बायो सूट, कोविड-19 का इलाज कर रहे मेडिकलकर्मियों के लिए साबित होगा सुरक्षा कवच

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है. कोविड-19 से निपटने के लिए हर स्तर पर केंद्र सहित राज्य सरकारें जुटी हैं. देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 2301 पहुंच गई है. जिसमें इलाज के बाद 157 लोग रिकवर हुए हैं. वही 56 लोगों की मौत हुई है. इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है. बताना चाहते है कि देश के प्रमुख रक्षा संस्था डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने कोरोना के खिलाफ जंग में लगातार काम कर रहे मेडिकल, पैरामेडिकल सहित अन्य कर्मियों को वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिए एक बायो सूट बनाया है.

कोरोना वायरस का प्रकोप (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप जारी है. कोविड-19 से निपटने के लिए हर स्तर पर केंद्र सहित राज्य सरकारें जुटी हैं. देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 2301 पहुंच गई है. जिसमें इलाज के बाद 157 लोग रिकवर हुए हैं. वही 56 लोगों की मौत हुई है. इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है. बताना चाहते है कि देश के प्रमुख रक्षा संस्था डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (Defence Research and Development Organisation) ने कोरोना के खिलाफ जंग में लगातार काम कर रहे मेडिकल, पैरामेडिकल सहित  अन्य कर्मियों को वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिए एक बायो सूट बनाया है.

अधिकारियों की मानें तो डीआरडीओ की अलग-अलग प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों ने मिलकर इस बायो सूट को बनाया हुआ है जो मेडिकल कर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की तरह काम करेगा. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने वस्त्र, परत और नैनोटेक्नोलॉजी में अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर पीपीई विकसित किया है जिसमें विशेष परत के साथ खास तरह के रेशों का इस्तेमाल किया हुआ है. यह भी पढ़े-Coronavirus: दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारी की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आई पॉजिटिव

खबर है कि देश में पीपीई की तेजी से बढ़ रही डिमांड के मद्देनजर रोजाना से कम 15,000 बायो सूट का उत्पादन करने के दिशा में काम च;चल रहा है. क्योंकि भारत कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिक कर्मियों के लिए पीपीई की कमी का सामना कर रहा है. इसके साथ ही डीआरडीओ ने देश के अलग-अलग सुरक्षा प्रतिष्ठानों और संगठनों को डेढ़ लाख सेनेटाइजर मुहैया कराए हैं.

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