Coronavirus: गृह मंत्रालय का राज्यों को निर्देश, SDRF फंड से मजदूरों और बेघरों को मुहैया कराएं भोजन, कपड़ा और दवा
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी किया है. जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा गया है कि मजदूरों के लिए SDRF फंड से राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए.
देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 149 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ भारत में इस वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर 873 हो गई है. कोविड-19 की वजह से अब तक 19 लोगों की जान गई है. दूसरी ओर सरकार की तरफ से लागू किए गए लॉकडाउन के बाद हजारों की संख्या में मजदूर अलग-अलग राज्यों से पैदल ही अपने-अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं. जिसके बाद से ये मांग की जा रही थी कि सरकार को गरीबों के लिए व्यवस्था के लिए कुछ कदम उठाएं. इस बाबत अब शनिवार को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी किया है. जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा गया है कि मजदूरों के लिए SDRF फंड से राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए. उनके लिए अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सा की व्यावस्था भी की जाए.
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्य आपदा राहत कोष/एसडीआरएफ (SDRF) के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों में बदलाव किया. जिसके तहत 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था के लिए इस कोष से पैसा दिया जाएगा. गृह मंत्रालय के मुताबिक एसडीआरएफ के नए नियमों के तहत अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सीय देखभाल आदि का प्रावधान बंद के चलते फंसे प्रवासी मजदूर समेत बेघर लोगों तथा राहत शिविरों या अन्य स्थानों पर रह रहे लोगों पर लागू होगा. यह भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने NHAI और टोल ऑपरेटर्स को दी सलाह, प्रवासी श्रमिकों के खाने-पीने की करें व्यवस्था.
यहां देखें गृह मंत्रालय का ट्वीट-
मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित बंद के दौरान प्रवासी मजदूरों को चिकित्सा सेवा एवं कपड़े भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, 'प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज सभी राज्यों को COVID-19 के मद्देनजर SDRF के फंड आवंटन का उपयोग करते हुए सभी बेघर, प्रवासी मजदूरों और लॉकडाउन के कारण राहत शिविरों में रुके लोगों को अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सा देखभाल आदि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.
मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वह मजदूरों के लिए राहत कैंप तैयार करें. साथ ही इन कैंपों की जानकारी मजदूरों, कामगारों तक पहुंचाई जाए. बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपना कार्य स्थल छोड़ कर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने पैृतक स्थानों पर लौट रहे हैं. ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण ये मजदूर पैदल यात्रा कर रहे हैं. इनके खाने पीने और रहने का कोई ठिकाना नहीं है. सरकार अब इनकी मदद के लिए आगे आई है.