गुवाहाटी: असम सरकार ने सोमवार को कहा कि वह 14 अप्रैल को खत्म हो रहे 21 दिन के देशव्यापी बंद के बाद राज्य में प्रवेश करने के इच्छुक लोगों के लिये परमिट व्यवस्था शुरू करने पर विचार कर रही है. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्थायी निवासियों समेत उन लोगों के आने के प्रवाह का नियमन करना चाहती है जो बंद की अवधि पूरी होने के बाद असम आने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम असम में चरणबद्ध रूप से प्रवेश की इजाजत देंगे क्योंकि, उदाहरण के लिये अगर एक दिन में 50 हजार लोग पहुंच जाते हैं तो हम उन्हें संभाल नहीं पाएंगे क्योंकि हमारे पास उनके लिए उतना बड़ा पृथकवास केंद्र नहीं है। इसलिए हमें उनका क्रम बनाना होगा.”
सरमा ने कहा कि सरकार इस बारे में अंतिम फैसला बुधवार तक लेगी और एक वेबसाइट शुरू करेगी जिसके जरिये लोग अगर असम आना चाहते हैं तो आवेदन कर सकेंगे।उन्होंने कहा, “असम सरकार स्वास्थ्य की दृष्टि से असम आ रहे लोगों के (संख्या) नियमन के लिये प्रवेश परमिट शुरू करने पर विचार कर रही है। यह असम आने पर किसी तरह की रोक नहीं है, बल्कि हमारी पृथकवास सुविधा के आधार पर बोझ को तार्किक बनाना है. यह भी पढ़े: असम में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 26 हुई, स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा बोले-तबलीगी जमात में शामिल लोग अगर आज शाम तक सामने नहीं आए तो केस होगा दर्ज
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के अन्य राज्य में रह रहे लोग जिन्हें असम के रास्ते जाना होता है, उनके लिये राज्य पारगमन पास जारी कर सकता है और अगले दो दिन में जब योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा तो ऐसे हर विवरण पर विचार किया जाएगा. मंत्री ने दिल्ली के निजामुद्दीन (पश्चिम) इलाके में पिछले महीने हुए तबलीगी जमात मरकज के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले उन लोगों को भी आज शाम तक कोविड-19 की जांच के लिए अपने नमूने देने की सख्त हिदायत दी है.
उन्होंने कहा, “अगर वे जांच के लिये आज भी सामने नहीं आते हैं तो सरकार उनके खिलाफ इरादतन लापरवाही का मामला दर्ज करेगी। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत इसका प्रावधान है।”सरमा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का अनुमान है कि राज्य से 617 लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिनमें से 128 के नमूने अभी नहीं लिये गये हैं. असम में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं।