Corona pandemic: क्या बाहर से आकर नहाना और कपड़े रोज धोना जरूरी है?
धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया के तहत देश में सभी तरह की गतिविधियां शुरू हो रही हैं। इसलिये खुद को वायरस से सुरक्षित रखने के लिये लोगों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। लेकिन जैसे-जैसे लोग बाहर निकलना शुरू कर रहे हैं वायरस को लेकर तमाम आशंकायें सामने आ रही हैं
धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया के तहत देश में सभी तरह की गतिविधियां शुरू हो रही हैं. इसलिये खुद को वायरस (Virus) से सुरक्षित रखने के लिये लोगों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. लेकिन जैसे-जैसे लोग बाहर निकलना शुरू कर रहे हैं वायरस को लेकर तमाम आशंकायें सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया (Social Media) पर किये जा रहे एक से बढ़ कर एक दावे लोगों की अलग-अलग तरह से मुश्किल बढ़ा रहे हैं. साथ ही कई ऐसे सवाल हैं जो दिखने में तो छोटे लेकिन काफी लोग ऐसे सवालों का जवाब ढूंढ रहे हैं और उनके जवाब के लिये प्रसार भारती ने सफदरगंज अस्पताल के डॉ. नीरज गुप्ता (Dr. Neeraj Gupta) से बात की.
कोरोना काल में बाहर जाने पर क्या रोजाना कपड़े धोना जरूरी है?
अगर घर में हैं और बाहर नहीं जाना है तो, जैसे पहले कपड़े धुल रहे थे, वैसे ही धुलें, लेकिन अगर बाहर जा रहे हैं तो घर वापस आने के बाद कपड़ों को साबुन-पानी से जरूर धोएं और धूप में सुखायें. यह भी पढ़े: India’s COVID Recovery Over 24 Lakhs: भारत में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 24 लाख के पार, मृत्यु दर भी घटकर 1.84% हुई
क्या ऑफिस से घर आने पर नहाना जरूरी है?
सामान्य समय में भी ऑफिस से या बाहर से घर आने पर हाथ-पैर धोते हैं. ये वक्त थोड़ा अलग है, अगर नहाना नहीं चाहते हैं तो कपड़े जरूर बदल लें और बाहर के कपड़ों को साबुन पानी से धो लें. साथ ही गर्म पानी से हाथ पैर धो लें, क्योंकि कई लोग एसिम्प्टोमेटिक होते हैं, अगर अनजाने में उनके संपर्क में आ गए हैं, तो वायरस से आप भी संक्रमित हो सकते हैं. इसके अलावा बाहर जाते समय सिर को कैप या गमछे आदि से ढक लें। ताकि अगर कोई खांसता या छिंकता भी है तो सिर भी सुरक्षित रहेगा और वायरस का कण वहां नहीं पहुंचेगा.
सोशल मीडिया पर चल रहा है कि वायरस को मास्क नहीं रोक पाता है, इस पर क्या कहेंगे?
आजकल मास्क भी कई तरह के मिल रहे हैं। सिंगल लेयर का, डबल लेयर और ट्रीपल लेयर का.वायरस के कण बहुत सूक्ष्म होते हैं, लेकिन जब ये बहार आते हैं, तो मास्क उनकी गति को कम करता है और वो सामने खड़े व्यक्ति तक पहुंचने से रोकता है. अगर दोनों लोग मास्क लगाये हैं तो वायरस डायरेक्ट मुंह, नाक में प्रवेश नहीं कर पाता. वहीं जब सुरक्षित दूरी बना कर रहते हैं, तो वायरस के कण नीचे गिर जाते हैं. लेकिन ये कहना कि मास्क सुरक्षा नहीं देता गलत है। स्वास्थ्यकर्मी खास तौर पर मास्क लगाने से ही सुरक्षित हैं.
क्या कार में अकेले ट्रेवल करते वक्त मास्क लगाना जरूरी है?
अगर कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी में अकेला है, शीशे बंद हैं तो मास्क नहीं लगाने पर कोई चालान या जुर्माना नहीं है. लेकिन अगर दो लोग हैं या कोई ड्राइवर किसी यात्री को ले जा रहा है, तो मास्क जरूर लगायें। एक बात ध्यान रखनी है कि पुलिस से बचने के लिये नहीं, खुद को बचाने के लिये मास्क लगायें। क्योंकि आपको नहीं पता कि सामने वाला संक्रमित है या नहीं और अनजाने में वायरस कभी भी आप तक पहुंच सकता है.
घर में अगर किसी को लक्षण नहीं है, तो क्या एक दूसरे का सामान प्रयोग कर सकते हैं?
अगर घर में कई लोग हैं, तो जब तक किसी का टेस्ट नहीं किया जायेगा तब तक पता नहीं चलेगा कि कोई संक्रमित है या नहीं. यानी कोई भी एसिम्प्टोमेटिक भी हो सकता है। ऐसे में अगर कोई एक भी एसिम्प्टोमेटिक हुआ तो तौलिया या कपड़े आदि प्रयोग करने से संक्रमण हो सकता है। इसलिये कोशिश करें कि सभी लोग एक दूसरे का सामान प्रयोग न करें. अगर करना है तो उसे धुल कर करें.