कोरोना संकट: वैक्सीन आने पर भारत कर सकता है मास प्रोडक्शन
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हर व्यक्ति की निगाहें वैक्सीन पर टिकी हैं. पूरी दुनिया में वायरस से बचाव और उसकी वैक्सीन समेत कई दवाओं पर शोध चल रहा है. लेकिन कहा जा रहा है कि वैक्सीन आने पर भारत कर सकता है मास प्रोडक्शन
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हर व्यक्ति की निगाहें वैक्सीन पर टिकी हैं. पूरी दुनिया में वायरस से बचाव और उसकी वैक्सीन समेत कई दवाओं पर शोध चल रहा है. ऐसे में चीन अमेरिका, ब्रिटेन जैसे कई देशों ने दावा किया है कि उनके यहां वैक्सीन का पहला ट्रायल हो चुका है। हांलाकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार एक अच्छी वैक्सीन आने में 18 महीने लगेंगे.लेकिन यह बाजार में कब तक आएगी इस बारे में बताते हुए पीएचएफआई के अध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि कई देश वैक्सीन की खोज में लगे हैं, लेकिन किसकी वैक्सीन सफल होगी और कितनी महत्वपूर्ण होगी आने वाले समय में पता चलेगा.लेकिन कुछ देशों ने कहा है कि सितंबर में शुरुआती ट्रायल खत्म हो जाएंगे.फिर आगे के ट्रायल होंगे.
दरअसल वैक्सीन के ट्रायल में कई चरण होंते हैं और सारी दुनिया के लिए एक साथ उपलब्ध कराने में वक्त लग सकता है. ऐसे में उन्होंने कहा कि हमारे देश में अगर वैक्सीन पहले नहीं भी विकसित होती तो भी हमारे लिए अच्छी यह है कि भारत में किसी भी तरह की वैक्सीन प्रोडक्शन की क्षमता बहुत है और कहीं भी वैक्सीन की खोज हो उसके उत्पादन के लिए दुनिया के कई देश भारत पर निर्भर रह सकते हैं. दरअसल दवाइयों और वैक्सीन के क्षेत्र में भारत दुनिया के कई देशों के मुकाबले में बेहतर है। जहां वैक्सीन की प्रोडक्शन की क्षमता ज्यादा है और वर्तमान समय में भी भारत कई दवाइयों का उत्पादन कर भारत के साथ ही अन्य देशों को भी निर्यात करने की क्षमता रखता है. यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच दवाओं के निर्यात प्रतिबंधों में दी गई ढील, सरकार ने इन 24 एपीआई से बैन हटाया
डब्ल्यूएच के 18 महीने में अच्छी वैक्सीन पर बताते हुए सफ़दरजंग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एम के सेन ने कहा कि कोरोना वायरस नया वायरस है. जिसके बारे में धीरे-धीरे जानकारी आ रही है.ऐसा नहीं है कि वैक्सीन पर रिसर्च डेवलपमेंट नहीं हो रहा है, दुनिया भर में प्रयोग हो रहे हैं. लेकिन किसी भी वैक्सीन के आने में थोड़ा वक्त लगता है। इससे पहले भी कई वायरस आए, चेचक आदि इनकी वैक्सीन के लिए कई साल शोध हुए उसके बाद वैक्सीन आई। क्योंकि किसी भी वैक्सीन को बाजार में आने से पहले कई चरण में पास होना जरूरी होता है.
उसके बाद ही लोगों को दी जाती है। इसलिए थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इससे जुड़ी अच्छी खबर मिलेगी. तमाम वैज्ञानिक वैक्सीन की शोध में लगे हैं लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आती है तब लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए सभी नियमों के पालन के साथ ही इम्यूनिटी पर ध्यान देना है। क्योंकि अगर किसी को वायरस का संक्रमण होता भी है तो इम्यूनिटी मजबूत होगी तो हमारा शरीर वायरस से मुकाबला कर सकता है.