Constitution Day 2019: जानिए संविधान दिवस से जुड़ी अहम बातें और भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकार सहित कर्तव्य

भारत के इतिहास में आज का दिन बेहद ही अहम माना जाता है. बताना चाहते है कि आज ही के दिन 70 साल पहले सरकार ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था. साथ ही इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Twitter)

नई दिल्ली: भारत के इतिहास में आज का दिन बेहद ही अहम माना जाता है. बताना चाहते है कि आज ही के दिन 70 साल पहले सरकार ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था. साथ ही इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी. यही कारण है कि इस वजह से इस दिन को ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है. भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को प्रभाव में आया है. इसलिए 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं.

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है. संविधान में भारत के हर नागरिक को 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं. ऐसे में इन अधिकारों के बारे में हर भारतीय नागरिक को जानना चाहिए.

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भारतीय नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकार-

1- समानता का अधिकार (आर्टिकल 14 से 18)

2- स्वतंत्रता का अधिकार (आर्टिकल 19 से 22)

3- शोषण के विरुद्ध अधिकार (आर्टिकल 23 से 24)

4- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (आर्टिकल 25 से 28)

5- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (आर्टिकल 29 से 30)

जानकारी के लिए बता दें कि भारत के संविधान को हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखा गया था. इसमें किसी प्रकार की टाइपिंग या प्रिंटिंग नहीं की गई थी.

भारतीय नागरिकों के मूल कर्तव्य-

1-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे;

2-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे;

3-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;

4-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे;

5-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म. भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुंद्ध है;

6-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे;

7- प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे;

8-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;

9-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;

10-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले;

11-यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे.

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