UP: 'लव जिहाद' के जरिए भारत में जनसंख्या युद्ध की साजिश! कोर्ट ने मुस्लिम युवक को दी उम्रकैद की सजा

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने पीड़िता को धोखे में रखकर उससे हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक अदालत ने एक मुस्लिम युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जिसमें उसने एक हिंदू महिला को धोखा देकर शादी की और उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया. अदालत ने इसे 'लव जिहाद' करार दिया, जहां मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को प्यार के बहाने इस्लाम में परिवर्तित करने की कोशिश करते हैं. इस मामले में आरोपी मोहम्मद अलीम ने पीड़िता को हिंदू नाम से अपना परिचय देकर मंदिर में शादी की और फिर उसके साथ कई बार बलात्कार किया.

क्या है मामला?

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने पीड़िता को धोखे में रखकर उससे हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि 'लव जिहाद' का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित कर भारत पर जनसंख्या युद्ध के माध्यम से प्रभुत्व स्थापित करना है.

अवैध धर्म परिवर्तन और 'लव जिहाद' पर कोर्ट की टिप्पणी

अदालत ने कहा कि 'लव जिहाद' एक सोची-समझी साजिश के तहत मुस्लिम पुरुषों द्वारा गैर-मुस्लिम महिलाओं को प्यार के बहाने इस्लाम में धर्मांतरित करने का एक तरीका है. न्यायाधीश ने इसे एक अंतरराष्ट्रीय साजिश बताया और कहा कि इसमें विदेशी धन के इस्तेमाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

अवैध धर्म परिवर्तन पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता

न्यायाधीश दिवाकर ने अवैध धर्म परिवर्तन को एक बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि देश की एकता और संप्रभुता के लिए यह गंभीर चुनौती है. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया और कहा कि अगर समय पर इस पर रोक नहीं लगी, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

मामले का संक्षेप

यह मामला मई 2023 का है जब एक महिला ने मोहम्मद अलीम और उसके पिता साबिक आलम पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था. कोर्ट ने अलीम को धोखाधड़ी से शादी कर बलात्कार करने का दोषी पाया और उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई.

संदर्भित कानून और आगे की कार्रवाई

हालांकि इस मामले में उत्तर प्रदेश अवैध धर्म परिवर्तन रोकथाम अधिनियम लागू नहीं किया गया था, अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे ऐसे मामलों में कानून के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करें. साथ ही, अदालत ने राज्य पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को भी सख्त कानून लागू करने के लिए निर्देश दिया.

इस फैसले ने 'लव जिहाद' पर चल रही बहस को और तेज कर दिया है और अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त संदेश दिया है.

Share Now

\