सवर्णों के आरक्षण पर बोली कांग्रेस, सरकार के लिए यह है चुनावी हथकंडा

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण पर 50 फीसदी सीमा का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को मोदी सरकार के गरीब सवर्णो को नौकरियों व शैक्षिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण के कदम को एक 'चुनावी हथकंडा' बताया

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी (Photo Credits IANS)

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण पर 50 फीसदी सीमा का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी (MP Abhishek Singhvi) ने सोमवार को मोदी सरकार ( Modi Government)के गरीब सवर्णो को नौकरियों व शैक्षिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण के कदम को एक 'चुनावी हथकंडा' बताया. सिंघवी ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार के पास संविधान संशोधन के लिए संसद में बहुमत है. सिंघवी, मंत्रिमंडल द्वारा गरीब सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण की मंजूरी की सूचना ट्विटर पर सबसे पहले देने वालों में थे.

सिंघवी ने ट्विटर पर कहा, "क्या आपको (सरकार) इसके बारे में चार साल और आठ महीने में ख्याल नहीं आया? इसलिए, स्पष्ट तौर पर आप ने चुनावी आचार संहिता से तीन महीने पहले इसे चुनावी हथकंडे के तौर पर सोचा है। आप जानते हैं कि आप 50 फीसदी की सीमा को पार नहीं कर सकते, इसलिए ऐसा सिर्फ दिखावे के लिए किया गया है. आप ने असंवैधानिक चीज करने की कोशिश की है." यह भी पढ़े: सवर्ण आरक्षण: इन जातियों को मिलेगा नौकरी और शिक्षा में 10% रिजर्वेशन, देखें पूरी लिस्ट

उन्होंने कहा, "अगड़ों को आरक्षण लोगों को बेवकूफ बनाने का हथकंडा है। 50 फीसदी सीमा का कानून बना रहेगा."उन्होंने एम.आर.बालाजी मामले का हवाला दिया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा लगाई है. सिंघवी ने कहा, "सरकार सिर्फ राष्ट्र को गुमराह कर रही है. आंध्र प्रदेश व राजस्थान 50 फीसदी आरक्षण को पार करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अदालत द्वारा इसे अमान्य किया गया है."सिंघवी ने कहा कि यह कदम मोदी के 2019 चुनाव में हार व डर का संकेत है.

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