कांग्रेस नेता शशि थरूर के बाद आनंद शर्मा ने भी Covaxin के अनुमति पर जताई चिंता

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भारत के औषधि नियामक द्वारा भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके के सीमित उपयोग की अनुमति दिए जाने पर चिंता जताई और सरकार को यह बताने को कहा कि अनिवार्य प्रोटोकॉल तथा डेटा के सत्यापन का पालन क्यों नहीं किया गया.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नयी दिल्ली, 3 जनवरी : कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भारत के औषधि नियामक द्वारा भारत बायोटेक के कोविड-19 (COVID-19) टीके के सीमित उपयोग की अनुमति दिए जाने पर चिंता जताई और सरकार को यह बताने को कहा कि अनिवार्य प्रोटोकॉल तथा डेटा के सत्यापन का पालन क्यों नहीं किया गया. भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’(Covishield) और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श करने वाली गृह मामलों की संसदीय समिति के प्रमुख शर्मा ने कहा कि टीके के उपयोग की मंजूरी के मुद्दे पर बेहद सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि किसी भी देश ने अनिवार्य चरण तीन परीक्षणों और डेटा सत्यापन के साथ समझौता नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति के समक्ष दी गई प्रस्तुति के अनुसार, चरण तीन के परीक्षण पूरे नहीं हुए हैं और इसलिए, सुरक्षा तथा प्रभाव के आंकड़ों की समीक्षा नहीं की गई है, जो एक अनिवार्य आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय को इस मामले में अनिवार्य प्रोटोकॉल और जरूरतों के साथ समझौता करने के लिए अलग-अलग कारण बताना चाहिए, क्योंकि इसमें कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले स्वास्थ्य और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं जिन्हें सीमित श्रेणी के तहत टीका लगाया जाएगा.’’ यह भी पढ़ें : Corona Vaccine: DCGI के मंजूरी के बाद आने वाले हफ्तों में शुरू होगा कोविड-19 का टीकाकरण अभियान

शर्मा ने पीटीआई- से कहा, ‘‘डीसीजीआई के बयान में स्पष्टता की कमी है और सरकार को टीके की सिद्ध प्रभावशीलता पर किसी भी भ्रम से बचने के लिए वैश्विक प्रभावशीलता परीक्षणों तथा ब्रिटेन में अंतिम परीक्षणों के आंकड़ों को पेश करना चाहिए जिसे ब्रिटेन के एमएचआरए ने दोनों देशों की सरकारों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद आधिकारिक रूप से साझा किया है.’’

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