इंदौर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को साधु-संतों का बड़ा हितैषी राजनेता माना जाता है, मगर अब यही साधु-संत शिवराज के लिए मुसीबत बनने लगे हैं. कंप्यूटर बाबा की अगुवाई में साधु ने मंगलवार को इंदौर में संत समागम कर शिवराज पर जमकर हमले बोले और कहा कि "धर्म के नाम पर सत्ता में आई भाजपा ने धर्म को ही भुला दिया है." अभय खेल प्रशाल में मंगलवार को संत समागम में जमा हुए साधु-संतों ने नर्मदा नदी की दुर्दशा पर चिंता जताई और कहा, "बीते 15 साल से राज्य की धर्मप्रेमी जनता परेशान है, नर्मदा नदी की सफाई और पौधरोपण के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है."
प्रदेश सरकार ने कंप्यूटर बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. वह अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री पर उपेक्षा और नर्मदा नदी के लिए काम न करने का आरोप लगाया था. कंप्यूटर बाबा आने वाले दिनों में इसी तरह के समागम ग्वालियर, खंडवा, रीवा व जबलपुर में करने वाले हैं.
इंदौर के संत समागम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे साधु-संतों ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि इस सरकार ने साधु-संतों और मठ-मंदिरों के महंतों को सिर्फ ठगा है.
राज्य में अगले माह चुनाव होने वाले हैं और साधु-संतों की खुली जंग के ऐलान के चलते भाजपा की मुसीबतें बढ़ गई हैं. संत समागम ने किसी दल का समर्थन तो नहीं किया है, मगर वर्तमान सत्ता का विरोध जरूर किया है.