
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर एक पैरोडी गीत गाकर कटाक्ष किया था, जिसके बाद से वह सुर्खियों में आ गए हैं. विवादों के बीच कामरा ने कहा है कि वह अपने कटाक्ष के लिए माफी नहीं मांगेंगे.36 साल के कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में फिल्म "दिल तो पागल है" का एक पैरोडी सॉन्ग गाया था. इस पैरोडी गाने में 2022 में शिवसेना में हुई टूट का हवाला दिया गया था. गाने में "गद्दार" शब्द का इस्तेमाल किया गया था, कामरा ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया था लेकिन शिंदे समर्थकों और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के लोग इसे शिंदे के लिए गाली के तौर पर देख रहे हैं.
चार्ली चैपलिन: दिग्गज कॉमेडियन की विरासत को बचाए रखने की कोशिश
भीड़ से डरता नहीं: कुणाल कामरा
कामरा ने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में यह शो किया था और बाद में इसे यूट्यूब पर डाला था. सोशल मीडिया पर भी यह क्लिप वायरल हो गई जिसके बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने शो के स्टूडियो में तोड़फोड़ की थी. पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
इस बीच माफी की मांग पर कुणाल कामरा ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है, "मनोरंजन स्थल सिर्फ एक प्लेटफार्म है. सभी प्रकार के शो के लिए एक जगह है. हैबिटेट (या कोई अन्य स्थल) मेरी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है, ना ही उसके पास इस बात पर कोई शक्ति या नियंत्रण है कि मैं क्या कहता या करता हूं. ना ही कोई राजनीतिक दल ऐसा करता है."
कामरा ने आगे कहा, "किसी कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी आयोजन स्थल पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है, जितना टमाटर ले जा रहे एक ट्रक को इसलिए पलट देना, क्योंकि परोसा गया बटर चिकन आपको पसंद नहीं आया."
उन्होंने खुद को मिल रही धमकियों को लेकर कहा, "भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे अधिकार का इस्तेमाल केवल शक्तिशाली और अमीर लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, भले ही आज का मीडिया हमें अन्यथा विश्वास दिलाए. एक शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मजाक को बर्दाश्त ना कर पाने की आपकी अक्षमता मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदलती. जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और हमारी राजनीतिक व्यवस्था के सर्कस का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं है. हालांकि, मैं अपने खिलाफ की गई किसी भी कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस और अदालतों के साथ सहयोग करने को तैयार हूं."
उन्होंने आगे लिखा, "लेकिन, क्या कानून उन लोगों के खिलाफ निष्पक्ष और समान रूप से लागू होगा, जिन्होंने यह तय किया है कि किसी मजाक से आहत होने पर तोड़फोड़ करना उचित प्रतिक्रिया है? और बीएमसी के उन अनिर्वाचित सदस्यों के खिलाफ, जो बिना किसी पूर्व सूचना के हैबिटेट पहुंचे और हथौड़ों से जगह को तोड़ दिया? शायद अपने अगले स्थान के लिए, मैं एलफिंस्टन ब्रिज या मुंबई में किसी अन्य संरचना का चुनूंगा, जिसे शीघ्र ध्वस्त करने की आवश्यकता है."
कामरा ने माफी नहीं मांगने की बात कही. उन्होंने लिखा, "मैं माफी नहीं मांगूंगा. मैंने जो कहा वह बिल्कुल वही है जो अजित पवार (प्रथम उपमुख्यमंत्री) ने एकनाथ शिंदे (द्वितीय उपमुख्यमंत्री) के बारे में कहा. मुझे इस भीड़ से डर नहीं लगता और मैं अपने बिस्तर के नीचे छिपकर इस घटना के शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा."
भारत: हंसने-हंसाने पर भी नफरत भारी?
एकनाथ शिंदे बोले कामरा ने सुपारी लेकर दिया बयान
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुणाल कामरा की उनके खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर उठे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि "हम व्यंग्य समझते हैं, लेकिन इसकी भी सीमा होनी चाहिए." उन्होंने कहा कि कामरा ने "सुपारी" लेने के बाद यह बयान दिया है. मीडिया से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि वे आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं और अपने काम के जरिए इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.
कामरा का नाम लिए बिना शिंदे ने कहा, "इस व्यक्ति ने सुपारी लेकर बयान दिया है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, आप इसका फायदा उठा सकते हैं और व्यंग्य कर सकते हैं. लेकिन, यह एक तरह से सुपारी लेकर बोलना है. मैंने मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन, कार्यकर्ताओं की तो भावनाएं होती हैं. इसी व्यक्ति ने पहले सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अर्नब गोस्वामी और उद्योगपतियों के बारे में बयान दिया था. ये सुपारी लेकर लगाए गए आरोप हैं, इसलिए मैंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी."
स्टैंडअप कॉमेडी की "सीमा" क्या पार कर गए मुनव्वर फारूकी?
शिवसेना कार्यकर्ताओं के स्टूडियो में तोड़फोड़ के सवाल पर शिंदे ने कहा, "मैं तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करता. हमें यह भी देखना चाहिए कि आरोप लगाते समय दूसरा व्यक्ति किस हद तक गिरता है. क्रिया की प्रतिक्रिया होती है. मैं संवेदनशील हूं और मेरे पास सहन करने की बहुत शक्ति है."
कामरा के व्यंग्य के तीर
36 वर्षीय कामरा अपने राजनीतिक व्यंग्य के लिए जाने जाते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके 25 लाख फॉलोअर्स हैं, इंस्टाग्राम पर उनको दस लाख लोग फॉलो करते हैं और यूट्यूब पर उनके 24 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. कामरा अक्सर नेताओं और दूसरे लोगों को अपनी कॉमेडी से निशाने पर लेते हैं.
क्या ट्वीट और कार्टून से भी अदालत की अवमानना होती है?
साल 2019 में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को कथित तौर पर फ्लाइट में परेशान करने के बाद कई एयरलाइनों ने उन पर उड़ान प्रतिबंध लगाया. सुप्रीम कोर्ट और तत्कालीन चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे पर टिप्पणियों के कारण अवमानना का केस हुआ. हाल ही में उन्होंने इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल पर निशाना साधा और ओला स्कूटर के परफॉर्मेंस को लेकर उनकी आलोचना की.
शिंदे वाले मामले में कामरा पर मुंबई के खार में पुलिस ने शिकायत दर्ज कर लिया है और उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है.