मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड, सर्द हवाओं के कारण बच्चे और बुजुर्ग परेशान, न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा
मध्यप्रदेश में ठंड बढ़ गई है. बादलों के कारण सर्द हवाएं ठिठुरन पैदा कर रही हैं. इस ठंड से सबसे ज्यादा बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी के चलते राजधानी भोपाल सहित राज्य के अन्य हिस्सों के स्कूलों के खुलने के समय में बदलाव किया गया है. मौसम विभाग ने ठंड का असर और बढ़ने की संभावना जताई है.
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ठंड बढ़ गई है. बादलों के कारण सर्द हवाएं ठिठुरन पैदा कर रही हैं. इस ठंड से सबसे ज्यादा बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी के चलते राजधानी भोपाल सहित राज्य के अन्य हिस्सों के स्कूलों के खुलने के समय में बदलाव किया गया है. राज्य के कई हिस्सों में बीते दो दिनों में हुई बारिश (Rainfall) और हवाओं का रुख उत्तरी होने के कारण राज्य के तापमान में गिरावट आने के साथ ठंड का असर बढ़ा है. राज्य के बड़े हिस्से का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है. दतिया सबसे ठंडा है, जहां तापमान 8़1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
तामपान में आई गिरावट और ठंड का असर बढ़ने पर सोमवार से आठवीं कक्षा तक के समय में बदलाव किया गया है. अब साढ़े आठ बजे से पहले कक्षाएं नहीं लगेंगी. राजधानी के जिलाधिकारी तरुण पिथोड़े के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने कक्षाओं में समय के बदलाव के आदेश जारी किए.
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आदेश में कहा गया है, "शीतलहर के कारण अध्ययनरत बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है. इसके चलते कक्षा नर्सरी से आठवीं तक की शाला संचालन के समय में बदलाव किया गया है. सुबह साढे आठ बजे से पहले किसी भी स्थिति में कक्षाएं इससे पहले संचालित नहीं होगी."
इसी तरह उज्जैन जिले में भी जिला शिक्षा अधिकारी ने शीतलहर के चलते माध्यमिक स्तर तक की कक्षाओं और आंगनवाड़ी के समय में बदलाव किया है. यहां स्कूल और आंगनवाड़ी के खुलने का समय सुबह नौ बजे किया गया है. राज्य के अधिकांश हिस्सों में शीतलहर का असर है. सोमवार को बादल छाए हुए हैं और हवाएं चल रही हैं, जो ठिठुरन पैदा कर रही हैं. बीते दो दिनों से कई हिस्सों में धूप नहीं निकली है. मौसम विभाग ने ठंड का असर और बढ़ने की संभावना जताई है.