सीएम Yogi Adityanath का प्रवासी मजदूरों की राहत के लिए मास्टर प्लान, कोरोना महामारी के खिलाफ बनाई ये अहम राजनीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के बढ़ते प्रसार को ध्यान में रखते हुए दूसरे प्रदेशों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के जिन जिलों में प्रवासी मजदूर लौट रहें हैं उन जिलों में क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कोरोना के बढ़ते प्रसार को ध्यान में रखते हुए दूसरे प्रदेशों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के जिन जिलों में प्रवासी मजदूर लौट रहें हैं उन जिलों में क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए. प्रवासी मजदूरों की कोरोना जांच, क्वारेंटाइन, खाने पीने की व्यवस्था के विशेष इंतजाम करने के आदेश सीएम ने बैठक में दिए. प्र
देश में जिन जनपदों में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं उन जिलों में प्रवासी मजदूरों के लिए सभी व्यवस्था को लेकर नोडल अधिकरियों संग स्थानिय समिति जिलाधिकारी संग संवाद स्थापित करें जिससे समय पर सभी प्रकार की सुविधाएं प्रवासी मजदूरों को मिल सकें. बता दें पिछले साल कोरोना काल के दौरान प्रदेश के श्रमिकों व कामगारों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले या दैनिक कार्य करने वाले सभी लोगों के भरण-पोषण की व्यवस्था को सुनिश्चित किया.
इसके साथ ही निर्माण श्रमिकों को भी भरण-पोषण भत्ता देने का कार्य किया गया है. सरकार ने कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को सभी तरह की सुविधाएं पहुंचाई. जिसके तहत परिवहन निगम की बसों के जरिए लगभग 40 लाख प्रवासी कामगरों व श्रमिकों को उनके गृह जनपदों तक भेजने, चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने व उनको स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई. यही कारण है कि योगी सरकार के कुशल नेतृत्व की प्रशंसा हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने भी की.
1,51,82,67,000 रुपये 15.18 लाख प्रवासियों को किए गए हस्तांतरित
योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को सभी तरह की सुविधाएं पहुंचाई. जिसके तहत परिवहन निगम की बसों के जरिए लगभग 40 लाख प्रवासी कामगरों व श्रमिकों को उनके गृह जनपदों तक भेजने, चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने व उनको स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई. इसके साथ ही प्रवासी श्रमिकों को राशन किट वितरण के साथ ही आर्थिक सहायता देते हुए प्रति श्रमिक एक हजार रुपए की धनराशि भी ऑनलाइन माध्यम से दी. इन लाभों में से 20.67 लाख परिवारों ने लाभ उठाया, जिसमें से 16.35 लाख को 15-दिवसीय राशन किट प्रदान किया गया. कुल 1,51,82,67,000 रुपये 15.18 लाख प्रवासियों को हस्तांतरित किए गए हैं. राशन किट के अलावा योगी सरकार ने सामुदायिक रसोई की भी स्थापना की.
श्रमिक ट्रेनों के जरिए 21 लाख प्रवासी राज्य में आए वापस
सरकार ने भारतीय रेलवे के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सहयोग किया. जिसके परिणामस्वरूप 1604 ट्रेनों की व्यवस्था की और सरकार द्वारा श्रमिक ट्रेनों के जरिए 21 लाख प्रवासियों को राज्य में वापस लाया गया. इसके अलावा, सरकार ने मार्च 2020 में 60,525 प्रवासी मजदूरों को बसें उपलब्ध कराने का भी बीड़ा उठाया. वास्तव में, राज्य सरकार 28 मार्च, 2020 को सीमाओं को सील करने के 24 घंटे के भीतर दिल्ली से हजारों प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने में कामयाब रही.